हिंदुस्तान जिंक ने जुटाए 3,520 करोड़ रुपये | अदिति दिवेकर / मुंबई September 29, 2020 | | | | |
वेदांत लिमिटेड की सहायक इकाई हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (एनसीडी) के जरिये 3,520 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस कोष उगाही के संदर्भ में विश्लेषकों का मानना है कि इससे अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली धातु और खनन कंपनी की डीलिस्टिंग का अप्रत्यक्ष रूप से वित्त पोषण हो सकता है।
एक रेटिंग एजेंसी के वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा, 'सूचीबद्घ कंपनी होने की वजह से एचजेडएल कोष नहीं जुटा सकती और अपनी पैतृक के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती। यह नियमों के खिलाफ है। इसके अलावा, चूंकि केंद्र सरकार की हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी है, इसलिए कंपनी बोर्ड में एक सरकारी अधिकारी भी होा जो इस तरह के लेनदेन की अनुमति नहीं देगा।' एचजेडएल में वेदांज की 64.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष 29.54 प्रतिशत भागीदारी सरकार की है।
मई में, एचजेडएल बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020 क लिए 16.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतरिम लाभांश को स्वीकृति दी जिसकी कुल रकम 6,972 करोड़ रुपये थी। इससे पहले जिंक उत्पादक कंपनी ने वर्ष 2015 से 2017 तक लगातार तीन वर्षों के लिए विशेष लाभांश की घोषणा की थी। दरअसल, वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2017 में हिंदुस्तान जिंक द्वारा एक दशक में सबसे ज्यादा लाभांश भुगतान दर्ज किया गया था।
एक दशक के दौरान यह जिंक उत्पादक द्वारा पहली उधारी होगी। अपने उद्योग-केंद्रित मुनाफा मार्जिन और परिचालन से नकदी प्रवाह की वजह से हिंदुस्तान जिंक ऐतिहासिक तौर पर कर्ज-मुक्त कंपनी के तौर पर प्रख्यात है।
|