भारतीय शेयर बाजार में आज शानदार वापसी देखी गई। निवेशकों ने प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की उम्मीद में उन शेयरों पर खूब दांव लगाया जिनमें खासी गिरावट आई थी। कारोबार के दौरान इसे लेकर चर्चा रही कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार और रोजगार सृजन के लिए बड़े वित्तीय प्रोत्साहनों की योजना बना रही है। अमेरिका में भी करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये खर्च वाले नए प्रोत्साहन विधेयक के मसौदे पर काम शुरू होने के बाद वैश्विक निवेशकों के मनोबल में भी सुधार हुआ। हालांकि अमेरिका में इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि सीनेट विधेयक का समर्थन करेगा या नहीं। बेंचमार्क सेंसेक्स 835 अंक चढ़कर 37,389 पर बंद हुआ, जो 1 जून के बाद सबसे बड़ी उछाल है। निफ्टी भी 245 अंक चढ़कर 11,000 के स्तर पर पार पहुंच गया। गुरुवार को दोनों सूचकांकों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी। खबरों के मुताबिक भारत सरकार त्योहारों से पहले एक बार फिर प्रोत्साहन उपायों का ऐलान कर सकती है। इसमें शहरी रोजगार योजना तथा बुनियादी ढांचा पहल शामिल हो सकते हैं। इस प्रोत्साहन योजना में मांग में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा क्योंकि अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई थी। एमके वेल्थ मैनेजमेंट में शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा, 'त्योहारों से पहले वित्तीय प्रोत्साहन की उम्मीद में शेयर बाजार ने अच्छी वापसी की है।' पिछले छह दिनों में बेंचमार्क सूचकांकों में करीब 7 फीसदी की गिरावट आई थी। बाजार के भागीदारों ने कहा कि छह दिन की गिरावट के बाद शॉर्ट कवरिंग से बाजार को दम मिला है। आईआईएफएल में शोध प्रमुख अभिमन्यु सोफत ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में बाजार में गिरावट बनी हुई थी। आज की तेजी शॉर्ट कवरिंग की वजह से आई है।' हालांकि बाजार में तेजी बनी रहने को लेकर बाजार के भागीदारों में संशय है। थॉमस ने कहा कि महामारी के दूसरी लहर और भू-राजनीतिक तनाव जैसे कारकों से आने वाले दिनों में बाजार पर असर पड़ सकता है। तेजी के बावजूद विदेशी निवेशक बिकवाल बने रहे। विदेशी निवेशकों ने 2,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की। पिछले छह दिन में उन्होंने कुल 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने करीब 2,000 करोड़ रुपये की लिवाली की। विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती से विदेशी निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसर अगर अमेरिका में प्रोत्साहन की घोषणा की जाती है तो इससे बाजार को बल मिलेगा। डाल्टन कैपिटल इंडिया के निदेशक यूआर भट्ट ने कहा, 'भारत में आने वाला विदेशी निवेश बहुत हद तक दुनिया भर के प्रोत्साहन पैकेजों से जुड़ा है। और प्रोत्साहन का ऐलान होता है तो भारतीय बाजार को कुछ फायदा हो सकता है। भारत सरकार द्वारा भी पैकेज लाने की चर्चा है।'
