योनो प्लेटफॉर्म के लिए सहायक कंपनी बनाएगा भारतीय स्टेट बैंक | अभिजित लेले / मुंबई September 24, 2020 | | | | |
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म - यू ओनली नीड वन (योनो) को एक सहायक कंपनी के रूप में विभक्त करने और वित्तीय क्षेत्र के भागीदारों को शुल्क के साथ सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि हालांकि समूह की जरूरतें काफी बड़ी हैं, लेकिन बैंक इसे एक सहायक कंपनी के रूप में विकसित करने और दूसरों को सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा पहलुओं के साथ क्षमता विकास की योजना बना रहा है। यह अगले दो वर्षों के लिए बैंक का दृष्टिकोण है। इस प्लेटफॉर्म को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराकर पैसा कमाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले एक सहायक कंपनी बनाई जाएगी और बाद में इस सार्वजनिक करने के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। योनो एक लाभदायक प्लेटफॉर्म है, लेकिन किसी को इसके मूल्यांकन के बारे में पता नहीं है। एसबीआई ने नवंबर 2017 में योनो प्लेटफॉर्म पेश किया था। कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अन्य वित्तीय क्षेत्र के भागीदारों, खास तौर पर छोटे वित्तीय बैंकों और सहकारी बैंकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करते हुए इसका राजस्व प्रवाह स्थिर कराया जा सकता था।
बैंक भारत ड्राफ्ट नामक बिलों की प्राप्ति के लिए एक बिजनेस-टु-बिजनेस (बी2बी) प्लेटफॉर्म बनाने पर भी काम कर रहा है। इसमें सभी एमएसएमई का पंजीकरण कराया जाएगा। जुलाई में एसबीआई ने कहा था कि उसने योनो के 2.4 करोड़ पंजीकरण आधार को अगले छह महीने में दोगुना करने की योजना बनाई है। कोविड-19 महामारी के कारण बैंक का ध्यान संपर्क रहित डिजिटल बैंकिंग चैनल की ओर केंद्रित हुआ है। एसबीआई योनो ने वॉलेट की हिस्सेदारी बढऩे और बड़े पैमाने पर अपनाए जाने से डिजिटल चैनल के माध्यम से काफी इजाफा हासिल किया है। कुमार ने कहा कि एसबीआई एंड-टु-एंड होम लोन, पहले से मंजूर कार लोन और व्यक्तिगत स्वर्ण ऋण जैसे नए उत्पादों की पेशकश के जरिये अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करेगा।
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