खरीफ सत्र की फसल बुआई लगभग पूरी हो चुकी है। चालू सत्र में मूंग और उड़द की बाजार में आवक भी शुरू हो गई है। किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए महाराष्ट्र में साल 2020-21 के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद 1 अक्टूबर से होगी। महाराष्ट्र में 15 सितंबर से पंजीयन का काम शुरू कर दिया गया। महाराष्ट्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की खरीदी की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी। राज्य के विपणन मंत्री बालासाहब पाटिल ने कहा कि राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इससे राज्य में अब 1 अक्टूबर से मूंग खरीदी शुरू कर दी जाएगी। 90 दिनों तक मूंग खरीद प्रक्रिया जारी रहेगी। सभी खरीदी ऑनलाइन पद्धति से होगी। पाटिल ने कहा कि फसल सत्र 2020-21 में मूंग के लिए प्रति क्विंटल 7,196 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। राज्य में 15 सितंबर से मूंग खरीद के लिए पंजीयन शुरू हो चुका है। मूंग बेचने के लिए अभी तक 260 किसानों ने पंजीयन कराया है। विदर्भ को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के 29, मार्केटिंग फेडरेशन के 105, महाएफपीसी के 47 खरीद केंद्रों पर पंजीयन शुरू है। पाटिल ने राज्य के किसानों से मूंग बेचने के लिए पंजीयन कराने का आह्वान किया है। पंजीयन कराने वाले किसानों को क्रमवार तरीके से मूंग को खरीद केंद्रों पर लाने के लिए मोबाइल पर एसएमएस भेजे जाएंगे। इसके बाद किसानों को खरीद केंद्रों पर मूंग बेचने के लिए लाना होगा। महाराष्ट्र कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य में खरीफ फसलों की बुआई अभी तक 144.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 139.88 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई हुई थी। राज्य में दलहन फसलों का रकबा पिछले साल के 19.09 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 21.52 लाख हेक्टेयर हो चुका है। राज्य में चालू सीजन में मूंग का रकबा पिछले साल से 22 फीसदी बढ़कर 3.95 लाख हेक्टेयर और उड़द का रकबा 3.89 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल के रकबे से 34 फीसदी अधिक है। बेहतर मॉनसूनी बारिश के कारण चालू खऱीफ सत्र में देशभर में फसलों की रिकॉर्ड बुआई हुई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के ताजा आकड़ों के मुताबिक चालू बुआई सत्र में किसानों ने खरीफ फसलों की बुआई 1,113.63 लाख हेक्टेयर में की है जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। पिछले साल की इसी अवधि में 1,053.52 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हुई थी जिससे इस साल कुल रकबा 5.71 फीसदी अधिक है। खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान की बुआई 406.97 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 28.26 लाख हेक्टेयर यानी 7.46 फीसदी ज्यादा है। खरीफ दलहनों की बुआई साल 138.62 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल से 6.28 लाख हेक्टेयर यानी 4.74 फीसदी अधिक है। किसानों ने इस साल अब तक 182.17 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुआई की है जो पिछले साल के मुकाबले 3.53 लाख हेक्टेयर अधिक है। गन्ने की फसल इस साल 52.65 लाख हेक्टेयर हुई है, जबकि पिछले साल 51.78 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कपास का रकबा पिछले साल से 2.38 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। पिछले वर्ष के 127.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 129.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुआई हुई है। मंत्रालय ने खरीफ बुआई में रिकॉर्ड प्रगति का श्रेय अच्छी बारिश के अलावा खेती में काम आने वाले बीज, उर्वरक तथा अन्य जरूरी लागतों के साथ ही ऋण की बेहतर उपलब्धता और नवीन तकनीकों को दिया है।
