भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज मोबाइल परिचालकों की ओर से टैरिफ योजनाओं के लिए दिए जाने वाले विज्ञापन के संबंध में नए नियम जारी किए। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं के लिए पारदर्शिता को मजबूती प्रदान करना है। ट्राई के दिशानिर्देशों में कहा गया है, 'ऐसा देखा जा रहा है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनाए जा रहे मौजूदा उपाय पारदर्शी नहीं हैं जिसे कि पारदर्शी होना चाहिए। कुछ दूरसंचार सेवा प्रदाता प्रमुखता से अतिरिक्त नियम और शर्तों को उजागर नहीं कर रहे हैं। वह एक ही बेव पृष्ठ पर विभिन्न शुल्क पर लगने वाले नियम और शर्तों का घालमेल कर दे रहे हैं जिससे प्रासंगिक जानकारी या तो विस्तृत विवरण में कहीं खो जाती है या फिर उपभोक्ताओं के लिए वह स्पष्ट और समझने योग्य नहीं रह जाता।' इस संबंध में नियामकीय जरूरतों को दुरुस्त करते हुए ट्राई ने अब दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के भीतर पोस्टपेड और प्रीपेड ग्राहकों के लिए प्रत्येक टैरिफ प्लान की जानकारी सेवा क्षेत्र के हिसाब से प्रकाशित करें और ग्राहक देखभाल केंद्रों, बिक्री केंद्रों, खुदरा दुकानों और वेबसाइटों तथा ऐप पर जरूरी जानकारियों के साथ ग्राहकों को पूरी जानकारी मुहैया कराएं। परिचालकों से कहा गया है कि वे 15 दिनों के भीतर ट्राई के पास एक अनुपालन रिपोर्ट जमा कराएं। उन्हें प्रत्येक तिमाही के समाप्त होने पर महीने की 7 तारीख को स्व प्रमाणन के जरिये भी लगातार अनुपालन को सुनिश्चित करना होगा। टैरिफ के विज्ञापन को लेकर ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के भीतर टैरिफ संबंधी जानकारियों को प्रचारित करते समय प्रमुखता से अतिरिक्त नियम और शर्तों का उल्लेख करें और प्रत्येक पेशकश के नियमों के लिए एक लिंक मुहैया कराएं। ट्राई के निर्देशों में जिन जरूरी खुलासों को करने के लिए कहा गया है उनमें वॉइस की इकाई/मात्रा, डेटा आर एसएमएस, इनकी दरें, इस्तेमाल की सीमा की दरें और निर्धारित इस्तेमाल के बाद गति की जानकारी देना शामिल है। दूरसंचार कंपनियों को अग्रिम रेंटल, डिपॉजिटों, पोस्टपेड सेवाओं के लिए कनेक्शन शुल्क के साथ टॉप अप, टैरिफ वाउचर व अन्य जानकारियों के बारे में सूचित करना होगा।
