दावों में उछाल आने से बीमाकर्ताओं की बढ़ी चिंता | सुब्रत पांडा / मुंबई September 16, 2020 | | | | |
सामान्य बीमाकर्ताओं और स्टैंडएलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से इजाफा होने से कोविड-19 के दावे दो लाख के पार पहुंच गए हैं जिसकी लागत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है और कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि होने से इस रकम में और इजाफा होगा। इतना ही नहीं गैर कोविड-19 के दावे जो महामारी के शुरुआती महीनों में बहुत कम थे अब तेजी से बढऩे लगे हैं और यह कमोबेश कोविड के पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है।
बीमाकर्ताओं ने कहा कि कि अब तक स्थिति नियंत्रण में है लेकिन आगे इसी तरह से तेजी जारी रहने पर यह चिंता का सबब बन सकती है। बीमाकर्ताओं को लग रहा है कि स्वास्थ्य खंड में नुकसान अनुपात पर असर पड़ेगा और लाभ को भी चोट पहुंचेगी लेकिन पूंजी में क्षरण की स्थिति नहीं आएगी कम-से-कम बड़ी कंपनियों के लिए ऐसी स्थिति आने की उम्मीद नहीं है।
निजी क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, 'गैर कोविड-19 दावों की संख्या कमोबेश कोविड से पूर्व के स्तर स्थिति पर पहुंचने लगी है। कोविड-19 के आ रहे दावों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है और अब हमें देखना है कि पूरा साल कैसे निकलता है। महामारी के शुरुआती तीन से चार महीनों में विवेकाधीन दावे नहीं आ रहे थे जिससे कोविड-19 के दावों को निपटाने में मुश्किल नहीं हो रही थी।'
उन्होंने कहा, 'अब जब कि कोविड-19 और गैर कोविड-19 दोनों तरह के दावे बढ़ रहे हैं तब देखना पड़ेगा कि यह किस तरह का असर डालता है। कम से कम सामान्य बीमाकर्ताओं के लिए पूंजी बहुत बड़ा मुद्दा नहीं होगा क्योंकि उसमें स्वास्थ्य का अनुपात 15 से 20 फीसदी है और खुदरा स्वास्थ्य का अनुपात उससे भी कम है। लेकिन साल की दूसरी छमाही में लाभ को चोट पहुंचेगी।'
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस में स्वास्थ्य दावों के प्रमुख भास्कर नेरूरकर ने कहा, 'यह चिंता की बात है कि कोविड-19 के दावों में उछाल आ रही है और गैर कोविड दावों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इसका असर नुकसान अनुपात पर पड़ सकता है। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि अगले कुछ महीनों में महामारी का प्रसार बढ़ता है या घटता है और टीका कब तक उपलब्ध हो जाता है। यदि मौजूदा रफ्तार से कोविड-19 के दावे बढ़ते रहे तो पूरे साल के लिए नुकसान का अनुपात 8 से 10 प्रतिशत अंको के उच्च स्तर पर रह सकता है।'
गैर कोविड-19 दावे कोविड पूर्व के स्तर के 80 से 90 फीसदी पर पहुंच चुके हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि पहली छमाही के अंत तक गैर कोविड-19 के दावे कोविड पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी।
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