आरबीआई का ब्याज दर डेरिवेटिव का प्रस्ताव | अनूप रॉय / मुंबई September 16, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक्सचेंज ट्रेडेड व ओवर द काउंटर ब्याज दर डेरिवेटिव योजनाओं का प्रस्ताव रखा, जिसमें विदेशी निवेशक और खुदरा निवेशक भाग ले सकेंगे। हालांकि खुदरा निवेशक इसका इस्तेमाल सिर्फ हेजिंग के लिए कर पाएंगे जबकि गैर-खुदरा निवेशक किसी भी मकसद के लिए इसका इस्तेमाल कर पाएंगे।
वेबसाइट पर जारी दिशानिर्देश के मसौदे में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि खुदरा भागीदारों को फॉरवर्ड रेट एग्रीमेंट, इंटरेस्ट रेट स्वैप, यूरोपियन इंटरेस्ट रेट ऑप्शंस (कैप्स, फ्लोर्स, कॉलर्स व रिवर्स कॉलर्स समेत) में ट्रेड की इजाजत होगी जबकि गैर-खुदरा ट्रेडरों को स्वैपऑप्शंस और स्ट्रक्चर्ड डेरिवेटिव योजनाओं में शामिल होने की इजाजत होगी, जिनमें लिवरेज्ड डेरिवेटिव्स और डेरिवेटिव्स ऑन डेरिवेटिव्स शामिल नहीं है।
अभी सरकारी प्रतिभूतियों में सिर्फ ब्याज दर वायदा और ब्याज दर ऑप्शंस की इजाजत है। ब्याज दर वायदा में कई और योजनाएं आने के बाद कॉरपोरेट डेट को समय के साथ डेरिवेटिव में शामिल किया जा सकता है, यह मानना है विशेषज्ञों का। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को इजाजत वाले एक्सचेंज ट्रेडेड इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव में लेनदेन की इजाजत होगी और उनका शुद्ध लॉन्ग पोजीशन 5,000 करोड़ रुपये तक का होगा।
इसके अतिरिक्त एक्सचेंज ट्रेडेड ब्याज दर डेरिवेटिव में शुद्ध शॉर्ट पोजीशन सरकारी प्रतिभूतियों व अन्य रूपये वाली ऋण प्रतिभूतियों में उनके लॉन्ग पोजीशन से ज्यादा नहींं होना चाहिए। आरबीआई ने दिशानिर्देश के मसौदे में ये बातें कही है।
ऐसे लेनदेन एक्सजेंजोंं पर मानक योजनाओं केतौर पर किए जा सकते हैं। एक्सचेंजों को उत्पादों के अपने डिजायन, पात्र भागीदार व अन्य चीजें तय करने की इजाजत दी गई है। ओटीसी बाजार में बैंक व प्राइमरी डीलर मार्केट मेकर्स के तौर पर काम करेंगे। भारत में विदेशी मार्केट मेकर्स अप्रवासी को आईआरडी लेनदेन के लिए रुपये में पेशकश कर पाएंगे, लेकिन ऐसे लेनदेन भारत में किसी मार्केट मेकर्स के साथ सीधे करने होंगे।
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