ऐसे समय पर जब कोविड महामारी की वजह से मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में देरी हो सकती है, देश में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सात नई उच्च गति वाली ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई गई है। नए नियोजित मार्गों की कुल लंबाई करीब 4,869 किलोमीटर है जिसमें 865 किलोमीटर का दिल्ली-वाराणसी, 753 किलोमीटर का मुंबई-नागपुर, 886 किलोमीटर का दिल्ली-अहमदाबाद, 435 किलोमीटर का चेन्नई-मैसूर, 459 किलोमीटर का दिल्ली-अमृतसर, 711 किलोमीटर का मुंबई-हैदराबाद और 760 किलोमीटर का वाराणसी-हावड़ा मार्ग शामिल है। मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर मौजूदा उच्च गति रेल खंड की लंबाई 508.17 किलोमीटर है और इसे 1.08 लाख करोड़ रुपये के खर्च से तैयार किया जा रहा है। प्रति किलोमीटर इस पर करीब 213 करोड़ रुपये का खर्च आया है। सूत्रों के मुताबिक इन नई 7 नियोजित मार्गों पर कुल लागत करीब 10 लाख करोड़ रुपये की आएगी। नैशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा, 'फिलहाल सरकार ने हमें सात नए गलियारों कीविस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए कहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद ही पूंजीगत लागत का निर्धारण किया जा सकता है। इसकी वजह है कि छतों और मार्ग की लंबाई की लागत निर्धारण में प्रमुख भूमिका होगी।' मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं के लिए भी औसत लागत करीब 250 करोड़ रुपये प्रति किलो मीटर बैठती है। एनएचएसआरसीएल ने हाल ही में एक सर्वेक्षण करने, ओवरहेड, जमीन के ऊपर, जमीन के अंदर और प्रस्तावित मुंबई-नासिक-नागपुर उच्च गति रेल गलियारा पर सबस्टेशनों के लिए बिजली प्राप्त करने के विकल्पों की पहचान करने के लिए एक निविदा जारी की है। कंपनी ने दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद उच्च गति रेल गलियारा और दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी उच्च गति रेल गलियारा के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए आंकड़े जुटाने संबंधी कार्यों के लिए भी निविदा जारी की है। एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने कहा, 'यह जरूरी नहीं है कि सभी नए गलियारे जापान तकनीकी के अंतर्गत ही निर्मित किए जाएंगे। इसलिए लागत में अंतर आ सकता है।' मौजूदा गलियारे के लिए जापान की शिनकानसेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। नए गलियारों के लिए योजना ऐसे समय पर बन रही है जब यह भी खबर आ रही कि पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत की तारीख को दिसंबर 2023 से टालकर अक्टूबर 2028 की जा सकती है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी और मौजूदा महामारी को कारण बताया जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद परियोजना के लिए अब तक 63 फीसदी भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। गुजरात में जरूरी जमीन का करीब 82 फीसदी अधिग्रहण हो चुका है जबकि महाराष्ट्र में अब तक केवल 23 फीसदी भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है। उच्च गति रेल मार्ग की लंबाई महाराष्ट्र में 155.76 किलोमीटर है जिसमें से 7.04 किलोमीटर मुंबई के उप शहरी क्षेत्र में है, 39.66 किलोमीटर ठाणे जिले में है और 109.06 किलोमीटर पालघर जिले में है। 4.3 किलोमीटर का हिस्सा केंद्र शासित प्रदेश दादर और नागर हवेली में पड़ेगा और 348.04 किलोमीटर का मार्ग गुजरात में है। उच्च गति रेल का परिचालन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जमीन के ऊपर खाई पर बने पुल पर होगा जो 10 से 15 किलोमीटर का होगा। मुंबई में 26 किलोमीटर लंबी पटरी जमीन के भीतर होगी। मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्लेक्स स्टेशन जो कि जमीन के भीतर होगा को छोड़कर सभी स्टेशन जमीन के ऊपर होंगे। इस मार्ग पर 12 स्टेशन बनाने की योजना है जिसमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर महाराष्ट्र में है और वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती गुजरात में हैं। ट्रेनों में कुल 10 कोच होंगे जिसमें 750 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसे बढ़ाकर 16 कोच तक किया जाएगा और तब 1250 यात्रियों के बैठने की क्षमता इसमें होगी। रोजाना एक ओर से 35 ट्रेनें चलेंगी और भीड़ वाले घंटों में हर 20 मिनट पर एक ट्रेन चलाई जाएगी।
