जगुआर ऐंड लैंड रोवर (जेएलआर) के प्रमुख बाजारों अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन एवं चीन में हालात सुधरने के साथ ही लागत में कटौती के उपाय करने और पूंजीगत व्यय पर बरती गई सख्ती से टाटा मोटर्स समूह को कारोबारी स्तर पर मुक्त नकद प्रवाह बेहतर होने और कर्ज के लगभग शून्य स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।टाटा मोटर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी पीबी बालाजी ने मोतीलाल ओसवाल द्वारा आयोजित एक निवेशक सम्मेलन में यह उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री और अतिरिक्त इक्विटी लगाने से भी कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार होने की संभावना है।जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड का संचालन करने वाली फर्म जेएलआर को हाल ही में पेश इवोक और डिफेंडर गाडिय़ों की मांग बढऩे की भी उम्मीद है। पहले से ही कई लोकप्रिय गाडिय़ां होने से फर्म के प्रबंधन को भरोसा है कि कारोबार काफी अच्छा रहेगा। इसके अलावा टाटा मोटर्स का मानना है कि लागत में कटौती के लिए किए गए उपाय और कच्चे माल की लागत कम करने की कोशिशों के नतीजे भी अनुकूल होंगे। कुल बिक्री में महंगी गाडिय़ों का अनुपात बढऩे से भी कंपनी को सकल मार्जिन में उछाल की उम्मीद है।मुक्त नकद प्रवाह की योजना राजस्व में सुधार, लागत में कटौती और पूंजीगत व्यय पर नियंत्रण के उपायों पर आधारित होगी। कंपनी जेएलआर के अलावा घरेलू यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन श्रेणियों के लिए भी यह योजना लेकर आई है।टाटा मोटर्स ने जेएलआर के लिए 2.5 अरब डॉलर और भारतीय कारोबार के लिए 1,500 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का खाका तैयार किया है। वह निकट भविष्य में इसमें किसी भी तरह का बदलाव करने की इच्छुक नहीं है।पूंजीगत व्यय निवेश की क्षमता से निर्देशित होगा, न कि निवेश की मंशा से। निवेश का निर्णय परिचालन प्रदर्शन से नजदीकी रूप से जुड़ा होगा।बहरहाल, टाटा मोटर्स के इस कदम से हर कोई इत्तेफाक नहीं रख रहा है। रिलायंस सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध) मितुल शाह कहते हैं, 'काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि जेएलआर और घरेलू यात्री वाहन कारोबार में बिक्री कैसी रहती है? लेकिन कंपनी के लिए अधिक मार्जिन वाले दौर की वापसी मुश्किल होगी क्योंकि इसकी बड़ी चीन हुआ करता था।' शाह के इस आकलन से दूसरे विश्लेषक भी सहमत नजर आते हैं। एसबीआईकैप सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख महंतेश सबरद कहते हैं, 'इस लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है जब बिक्री में खासी तेजी आती है और नए उत्पाद भी उतारे जाते हैं। लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा हो पाना मुश्किल है।'टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 25 अगस्त को शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा था कि कंपनी अगले तीन वर्षों में कर्ज मुक्त होने का इरादा लेकर चल रही है। उसके बाद से टाटा मोटर्स के शेयरों में देखी बनी हुई है। पिछले दो हफ्तों में यह 13.6 फीसदी तक उछल चुके हैं। शुक्रवार को बीएसई में टाटा मोटर्स के शेयर 144.3 रुपये के भाव पर बंद हुए।चंद्रशेखरन ने कहा था कि टाटा मोटर्स का शुद्ध वाहन ऋण 48,000 करोड़ रुपये है जिसे अगले तीन वर्षों में शून्य स्तर तक लाने की योजना है।
