केंद्र सरकार ने राज्य से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि शहरों में वापस लौट रहे हैं प्रवासी श्रमिकों की आवश्यक जरूरतों का ख्याल रखा जाए। इसमें इन श्रमिकों का मुफ्त में कोविड-19 की जांच करना और उन्हें फेस मास्क, आवासीय सुविधा और स्वास्थ्य बीमा कवरेज मुहैया कराना शामिल है। केंद्र की ओर से राज्यों को यह सुझाव दिया गया है कि प्रवासी श्रमिकों की समय-समय पर मेडिकल जांच सुनिश्चित की जाए। साथ ही यह भी निश्चित किया जाए कि उनके बच्चे साथ में होने पर उनका नामांकन स्कूलों में हो ताकि शिक्षा पर पडऩे वाले किसी प्रकार के बुरे असर को रोका जा सके। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को राज्य सरकारों के लिए सलाह निर्देश जारी किया। यह दिशानिर्देश कोविड-19 की पृष्ठभूमि में गंतव्य राज्यों को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए तैयार किया गया है। इसमें कहा गया है, 'इन राज्य सरकारों की ओर से प्रवासी श्रमिकों की जांच और उपचार या उनके पृथक्करण की स्थिति में इन पर किसी तरह का वित्तीय बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।' राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह प्रवासी श्रमिकों का एक समुचित डेटाबेस तैयार करें और इसका पता लगाएं कि ऐसे कामगारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कवर किया गया है अथवा नहीं। दिशानिर्देश में कहा गया है, 'प्रवासी श्रमिकों में जोखिम की पहचान करने और उनको सुरक्षित रखने के लिए उनका एक समुचित डेटाबेस तैयार करना इसका प्राथमिक चरण है। इन जानकारियों को संबंधित श्रम प्राधिकरणों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए ताकि मजदूरी, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य तथा काम की शर्तों से संबंधित मौजूदा श्रम कानूनों का पालन कराया जा सके।' राज्यों को सुझाव दिया गया है कि वे पात्र प्रवासी कामगारों का आयुष्मान भारत योजना के तहत नामांकन कराएं जिससे उन्हें द्वितीय और तृतीय श्रेणी की अस्पतालों में प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया कराया जा सके। निर्माण से जुड़े कामगार, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं, उनके लिए राज्य को सुझाव दिया गया है कि वे राज्य बीमा योजना के प्रीमियम के भुगतान पर आने वाला खर्च वहन करें। केंद्र सरकार ने कहा है कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक निधि का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। केंद्र ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे नियोक्ताओं को भी इस बाबत दिशानिर्देश जारी करें कि वे प्रवासी श्रमिकों की जरूरत का ख्याल रखें। कार्यस्थल पर उचित मात्रा में सैनिटाइजर, फेस मास्क, साबुन उपलब्ध कराने के साथ नियोक्ताओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे प्रवासी श्रमिकों को एक बार का परिवहन भत्ता/यात्रा किराया प्रदान करें।
