कारोबार रैंकिंग में पिछड़े गुजरात, हरियाणा और कर्नाटक | बिभु रंजन मिश्रा, विनय उमरजी और इंदिवजल धस्माना / गांधीनगर/बेंगलूरु/नई दिल्ली September 08, 2020 | | | | |
कारोबारी लिहाज से अनुकूल माने जाने वाले राज्यों गुजरात, हरियाणा और कर्नाटक की रैंकिंग वर्ष 2019 के लिए कराए गए कारोबारी सुगमता सर्वेक्षण में काफी नीचे आ गई है। केंद्र ने यह सर्वेक्षण राज्यों में कारोबारी सुगमता की स्थिति के आकलन के लिए कराया था।
2015 के सर्वेक्षण में जहां गुजरात शीर्ष पर काबिज था, वहीं उसके अगले वर्ष उसकी रैंकिंग में दो पायदान की कमी आई थी। 2017 में यह और फिसलकर पांचवें स्थान पर आ गया और 2019 में यह दसवें स्थान पर रहा। उद्योग संवद्र्घन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने शनिवार को यह रैंकिंग जारी की। हरियाणा को 2015 में 14वां स्थान मिला था और उसके अगले वर्ष में इसमें सुधार हुआ और यह छठे पायदान पर आ गया। 2017 में वह तीसरे पायदान पर पहुंच गया था लेकिन 2019 में उसे 16वां स्थान मिला है। कर्नाटक 2015 में नौवें स्थान पर था जो 2016 में चार पायदान फिसल कर 13वें स्थान पर पहुंच गया था। हालांकि, 2017 में उसने रैंकिंग में सुधार करते हुए आठवां स्थान हासिल किया था। लेकिन 2019 में यह फिर से फिसल कर 17वें स्थान पर पहुंच गया। इस सर्वेक्षण में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।
अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इन राज्यों की स्थिति में गिरावट आने की वजह उद्योगों की ओर से प्रतिक्रिया में कमी आने के साथ-साथ कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता को बताया है।
उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक गुजरात में ऐसे कई कारण मौजूद हैं जिनसे कारोबारी सुधार रैंकिंग में राज्य की स्थिति लगातार घट रही है। इसमें दूसरे राज्यों से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा भी शामिल है।
कई बड़े कॉर्पोरेट के लिए रणनीतिक औद्योगिक सलाहकार सुनील पारेख कहते हैं, 'पहली बात यह है कि दूसरे राज्य बहुत प्रतिस्पर्धी हो रहे हैं। अब शीर्ष में पांच ऐसे राज्य हैं जो रैंकिंग के कुछ शुरुआती संस्करणों में नहीं थे। दूसरी बात है कि गुजरात कारोबारी सुधार में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है। दसवें पायदान पर आकर गुजरात न केवल शीर्ष के 3 राज्यों के स्थान से बाहर हो गया है बल्कि वह पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी पीछे हो गया है।'
सीएमआईई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पारेख ने यह भी कहा कि गुजरात निवेश को आकर्षित करने में भी पीछे छूट रहा है। सीएमआईई की 2019-20 की सूची में गुजरात को आंध्र प्रदेश, हरियाणा और तमिलनाडु के बाद चौथे स्थान पर रखा गया है।
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