वैश्विक बिकवाली से टूटा बाजार | सुंदर सेतुरामन / तिरुवनंतपुरम September 05, 2020 | | | | |
श्विक स्तर पर बिकवाली का असर घरेलू शेयर बाजार में भी देखा गया। अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में गिरावट से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 634 अंक गिरकर 38,357 पर बंद हुआ, जो हफ्ते का निचले स्तर है। निफ्टी भी 194 अंक गिरकर 11,224 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 में केवल एक शेयर लाभ में रहे। सोमवार को भी दोनों सूचकांकों में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी।
शेयर बाजार मेंचौतरफा बिकवाली देखी गई और सभी क्षेत्रों के सूचकांक गिरावट पर बंद हुए। मिडकैप में 1.7 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.2 फीसदी की गिरवट पर बंद हुए।
गुरुवार को नैस्डैक सूचकांक में करीब 5 फीसदी की गिरावट आई थी और ऐपल तथा टेसला 8-8 फीसदी नुकसान पर बंद हुए। डाऊ जोंस में भी करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
बाजार में गिरावट के पीछे कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बिकवाली इस बात का संकेत है कि शेयर ज्यादा चढ़ चुके हैं और निवेशक उनमें गिरावट से पहले मुनाफावसूली कर सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल में खुदरा शोध प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा, 'वैश्विक बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट आई है। ऐसी कोई बात नहीं है जिससे भारतीय बाजार के परिदृश्य से नकारात्मक हो। निवेशक मुनाफावसूली के लिए बिकवाली कर रहे हैं। वैसे भी बाजार में जब कुछ समय तक तेजी आती है तो उसके बाद गिरवट आती ही है। हालांकि बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पर दबाव बना हुआ है।'
घरेलू बाजार मार्च के अपने निचले स्तर पर करीब 50 फीसदी चढ़ चुका है। बाजार में यह तेजी अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बावजूद आई है। भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में अप्रैल से तेजी देखी जा रही है।
रिलायंस सिक्योरिटीज में संस्थागत बिजनेस प्रमुख अर्जुन महाजन ने कहा, 'घरेलू बाजार में तेजी की अहम वजह वैश्विक स्तर पर तरलता सुलभ होना है। गुरुवार को अमेरिकी बाजार में बिकवाली अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि नवंबर में वहां राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।' बाजार में उतार-चढ़ाव का पैमाना इंडिया वीआईएक्स सूचकांक 8 फीसदी बढ़कर 22.16 पर पहुंच गया। सोमवार को भी इसमें 25 फीसदी की बढ़त देखी गई थी।
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