सिंगापुर का सॉवरिन फंड जीआईसी भारत-केंद्रित एक अन्य लॉजिस्टिक फंड में निवेश के लिए अमेरिकी कंपनी वारबर्ग समर्थित लॉजिस्टिक निवेशक ईएसआर के साथ अंतिम दौर की बातचीत कर रहा है। हालांकि निवेश की सही मात्रा का पता नहीं चल पाया है, लेकिन जीआईसी ने फंड में 10 करोड़ डॉलर (करीब 750 करोड़ रुपये) से ज्यादा की रकम लगाने की योजना बनाई है।संपर्क किए जाने पर ईएसआर के एक अधिकारी ने कहा, 'हम मौजूदा समय में सवालों पर चर्चा करने में सक्षम नहीं हैं।' जीआईसी को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है। पहले प्लेटफॉर्म में, ईएसआर ने 22.5 करोड़ डॉलर के समान भागीदारी वाले संयुक्त उपक्रम के लिए आलियांज रियल एस्टेट के साथ भागीदारी की। इस संयुक्त उपक्रम ने देश में 1 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों वाला प्लेटफॉर्म बनने का लक्ष्य रखा है। प्लेटफॉर्म की रणनीति संपत्तियां विकसित करना और विकसित या विकास के चरण से गुजर रहीं परिसंपत्तियों की खरीदारी करना है। उसने मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलूरु, एनसीआर, कोलकाता और अन्य शहरों पर ध्यान केंद्रित किया है।ईएसआर ने हाल में एक औद्योगिक पार्क के लिए चेन्नई में भूखंड खरीदा है।लॉजिस्टिक क्षेत्र में जीआईसी के लिए यह दूसरा संयुक्त उपक्रम है। वर्ष 2018 में, उसने गोदामों के अधिग्रहण एवं निर्माण के लिए के रहेजा कॉर्प के साथ भागीदारी की। शुरू में प्लेटफॉर्म के लिए करीब 30 करोड़ डॉलर की रकम निर्धारित की गई थी।वर्ष 2019 के अंत तक ईएसआर इंडिया की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 50 करोड़ डॉलर की और परियोजनाएं 14 लाख वर्ग मीटर की थीं। पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में ईएसआर की एयूएम 22 अरब डॉलर की हैं।ईएसआर और जीआईसी ऐसे समय में एक साथ आगे आ रहे हैं जब इंडोस्पेस और ईएसआर समेत लॉजिस्टिक कंपनियां वारबर्ग का अन्य लॉजिस्टिक संयुक्त उपक्रम एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स खरीदने की दौड़ में हैं। इस संयुक्त उपक्रम में वारबर्ग की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष हिस्सेदारी एम्बेसी गु्रप की है।
