खनिज नीलामी व्यवस्था पर बंटा उद्योग | अदिति दिवेकर / मुंबई September 04, 2020 | | | | |
एक ओर जहां केंद्र सरकार खनन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए घरेलू खनन उद्योग से सुझाव मांगने पर विचार कर रही है, वहीं उद्योग के साझेदार नीलामी को लेकर बंटे हुए नजर आ रहे हैं। साझेदारों में यह मतभेद एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में संशोधन के तहत खनिजों की नीलामी को लेकर है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में आत्मनिर्भर भारत के योजना के तहत खनन क्षेत्र में और अधिक निजी निवेश लाने के लिए कहा था और उद्योग के साझेदारों को 3 सितंबर तक अपने सुझाव सरकार के पास जमा कराना था।
उद्योग का एक वर्ग जहां खनिज की नीलामी के लिए लामबंदी कर रहा है, वहीं भारतीय खनिज उद्योग महासंघ (फिमी) जैसे औद्योगिक निकाय अन्वेषण में और अधिक निजी भागीदारी चाहते हैं। सरकार के कमजोर प्रयासों के कारण इस क्षेत्र में निजी भागदारी में इजाफा नहीं हो रहा है।
2015 में एमएमडीआर अधिनियम में संशोधन के बाद अब तक 97 खनिज ब्लॉकों की नीलामी 80 फीसदी से 130 फीसदी बोली प्रीमियम पर की गई है।
भारतीय इस्पात संघ के महासचिव भाष्कर चटर्जी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'हम खदान की नीलामी की वकालत इसलिए कर रहे हैं कि इससे इस्पात उत्पादकों के लिए उत्पादन की लागत में कमी आएगी और बाजार में इस्पात अधिक प्रतिस्पर्धी बन पाएगा। उत्पादक आज संयंत्र को छोडऩे के बाद और 14 फीसदी तक का भुगतान करता है जिससे इस्पात कम प्रतिस्पर्धी हो जाता है। निजी खदान से उत्पादन की लागत में कमी सुनिश्चित होगी।'
अनुमान है कि पट्टा अवधि के लिए नीलाम खनिज ब्लॉकों से सरकारी खजाने को कुल 8 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा, जिसमें नीलामी प्रीमियम के जरिये हासिल होने वाला अनुमानित तौर पर 6 लाख करोड़ रुपये भी शामिल है। साथ ही सरकार को करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये की कमाई सांविधिक भुगतानों से होगी।
फिमी में संयुक्त सचिव बीके भाटिया ने कहा, 'प्रीमियम पर नीलाम किए गए खदान पुराने हैं। आज की तारीख तक नीलाम किए गए कुल 52 नए खदानों में से किसी में भी उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। ये सभी मंजूरियों के नहीं मिलने से अटकी पड़ी हैं लिहाजा संसाधनों के विकास में नीलामी सहायक नहीं हो पा रही है।'
उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि आगे नीलामी को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 10ए2(बी) और 10ए2(सी) के तहत खनिज रियायत के निरसन की योजना बना रही है।
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