विश्लेषकों ने बढ़ाया संकुचन का अनुमान | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली September 02, 2020 | | | | |
चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में संकुचन के अनुमान ज्यादातर एजेंसियों ने पहले की तुलना में बढ़ा दिए हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट के बाद अब पूरे वित्त वर्ष में दो अंकों की गिरावट के अनुमान लगा रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि अब सरकार को मांग बढ़ाने के लिए वित्तीय नीतियां लानी चाहिए, जिससे वृद्धि में संकुचन पर काबू पाया जा सके। वहीं कुछ विश्लेषकों ने इस बात को लेकर संदेह जताया है कि राजकोषीय घाटे और कर संग्रह में गिरावट की मौजूदा हालत में सरकार ऐसा कुछ कर सकेगी।
नोमुरा ने वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी में 10.8 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है, जबकि पहले 6.1 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। नोमुरा ने हाल के एक नोट में कहा है, 'आगे तीसरी तिमाही तक सुधार के संकेत हैं, लेकिन भारत में महामारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे चिंता बनी हुई है।'
एसबीआई रिसर्च ने अब वित्त वर्ष 21 में अर्थव्यवस्था में 10.9 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है, जबकि पहले 6.8 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया था। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा कि यह अब साफ दिख रहा है कि दूसरी तिमाही में भी दो अंकों की गिरावट रहेगी। उन्होंने कहा, 'हमारा शुरुआती अनुमान है कि वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में ऋणात्मक वास्तविक जीडीपी वृद्धि रहेगी और पूरे साल के दौरान दो अंकों की गिरावट रह सकती है।' उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में आर्थिक गिरावट 5 से 10 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 2 से 5 प्रतिशत गिरावट रह सकती है।
मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने जीडीपी में वित्त वर्ष 21 में गिरावट का अनुमान बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है, जिसने पहले 4.7 प्रतिशत गिरावट के अनुमान लगाए थे। इसने अनुमान लगाया है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी में 4.5 प्रतिशत संकुचन होगा और तीसरी व चौथी तिमाही में 1.3 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
बैंक आफ बड़ौदा इकोनॉमिक रिसर्च को अब उम्मीद है कि वित्त वर्ष 21 में अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत गिरावट होगी, जबकि पहले 5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। इस अनुमान की वजह पहली तिमाही में जीडीपी में उम्मीद से ज्यादा गिरावट और स्थानीय स्तर पर दूसरी तिमाही में लॉकडाउन लगाया जाना है।
इंडिया रेटिंग के अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि रेटिंग एजेंसी वित्त वर्ष 21 में जीडीपी संकुचन के अपने पहले के 5.3 प्रतिशत के अनुमान में संशोधन करेगी। बहरहाल इंडिया रेटिंग ने अभी पुनरीक्षित आंकड़े नहीं दिए हैं।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा कि रेटिंग एजेंसी वित्त वर्ष 21 में 9.5 प्रतिशत संकुचन के अपने पहले का अनुमान बरकरार रखेगी। उन्होंने कहा, 'पहली तिमाही के आंकड़े हमारे अनुमान के अनुरूप हैं। ऐसे में हम अपना पहले का अनुमान बरकरार रखेंगे।' इक्रा ने पहली तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया था।
केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने भी कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 6.4 से 6.5 प्रतिशत संकुचन का अपना अनुमान बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को मांग बढ़ाने के लिए ज्यादा खर्च करने की जरूरत है, लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है।
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