साप्ताहिक संकेतक दिखा रहे मिश्रित सुधार | |
सचिन मामबटा, शाइन जैकब और कृष्ण कांत / 09 01, 2020 | | | | |
जून तिमाही के सोमवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में 23.9 प्रतिशत का संकुचन नजर आया है। बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए अगस्त के अंतिम सप्ताह के साप्ताहिक सूचकांकों के विश्लेषण से पता चलता है कि संभवत: अधिक लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। सरकार के लगातार अनलॉक कार्यक्रम जारी रखने के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन संपूर्ण रुख उतार-चढ़ाव वाले सुधार की ओर इशारा करता है। हालांकि आंकड़े जून की तुलना में बेहतर हैं, लेकिन यातायात संबंधी इजाफा बड़े शहरों में अब स्थिर पड़ रहा है और बिजली उत्पादन में गिरावट आ रही है। साथ ही राजधानी के प्रदूषण में एक बार फिर कमी के संकेत दिखाई दिए हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड इन और अन्य आंकड़ों पर साप्ताहिक आधार पर नजर रखता है ताकि इस बात का आभास हो सके कि जीडीपी जैसे अधिक विस्तृत आर्थिक आंकड़े जारी किए जाने से पहले अर्थव्यवस्था का क्या हाल है जो आम तौर पर काफी अंतराल के बाद जारी किए जाते हैं। गूगल के आंकड़े बाद में आते हैं, लेकिन अन्य सभी संकेतक रविवार (30 अगस्त) तक के हैं।
नई दिल्ली का यातायात वर्ष 2019 के स्तर की तुलना में 17 प्रतिशत कम रहा। पिछले सप्ताह से यह अंतर बढ़ा है। मुंबई के यातायात की भीड़-भाड़ नई दिल्ली के मुकाबले कम रही है। स्थिति की जानकारी देने वाली प्रौद्योगिकी कंपनी टॉम टॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों के मुताबिक इसमें वर्ष 2019 की इसी अवधि की तुलना में 42 प्रतिशत का अंतर दिखाई दिया है। इन दोनों ही शहरों में जून के बाद यातायात नजर आया था, लेकिन पिछले सप्ताह इसके इजाफे में स्थिरता दिखने लगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर पर भी निगाह रखता है। यह प्रदूषक औद्योगिक गतिविधि और वाहनों के उत्सर्जन का परिणाम होता है। मुंबई के नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर बांद्रा इलाके के वर्ष 2019 के आधार पर 10 प्रतिशत से कम है। दिल्ली 70 प्रतिशत के करीब है। इससे यह पता चलता है कि मुंबई की तुलना में दिल्ली में आर्थिक गतिविधि ज्यादा है। जून के बाद मुंबई की तुलना में दिल्ली में ज्यादा सुधार दिखता है। जून के बाद बिजली उत्पादन कोविड से पहले के स्तर तक पहुंच गया था। इसमें जुलाई और अगस्त के अधिकांश हिस्से में बढ़ोतरी हुई थी। अब यह गिरावट का रुख दिखा रहा है। 30 अगस्त को समाप्त होने वाले सप्ताह के दौरान इसमें लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट आई है।
भारतीय रेलवे ने जून के अंत तक माल की 7.4 प्रतिशत कम ढुलाई की थी और वर्ष 2019 की तुलना में माल ढुलाई से करीब 15.4 प्रतिशत कम आमदनी प्राप्त की थी। इसके बाद से इसमें सुधार हुआ है। 22-23 अगस्त वाले सप्ताहांत में माल ढुलाई की मात्रा में 1.31 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। माल ढुलाई से होने वाली कमाई तीन प्रतिशत से भी कम कम रही है। इससे उलटे संकेत मिलते हैं। 29-30 अगस्त के सप्ताहांत के दौरान इन दोनों आंकड़ों की स्थिति बदतर रही है।
सर्च इंजन गूगल स्थानों के आंकड़ों का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के स्थानों की यात्रा पर निगाह रखता है। 25 अगस्त के नवीनतम आंकड़ों से लगता है कि अधिक लोग घर से बाहर निकले। किराने के सामान और दवाओं जैसी जरूरी खरीदारी में तेजी आई है। यह तथ्य ऐसी दुकानों पर जाने वाले लोगों के आधार पर है। कार्यस्थल के लिए की जाने वाली यात्रा पिछले सप्ताह के मुकाबले कम रही है।
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