चीनी सेना की पैंगोंग में घुसपैठ, भारतीय सैनिकों ने किया हस्तक्षेप | अजय शुक्ला / नई दिल्ली August 31, 2020 | | | | |
पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिकों को हटाने के लिए चीन को राजी करने के लिए तीन महीनों से चल रही सैन्य और कूटनीतिक वार्ता नाकाम रहने की बात रविवार को सही साबित हो गई। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैकड़ों सैनिक पैंगोंग त्सो झील के दक्षिण में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए और हेलमेट टॉप नाम की पहाड़ी पर कब्जा कर किलाबंदी शुरू कर दी।
विश्वसनीय सरकारी सूत्रों का कहना है कि पास की थाकुंग पोस्ट के भारतीय सैनिकों ने पीएलए को किलेबंदी करने से रोका। दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हुई, लेकिन किसी भी पक्ष की तरफ से गोली चलने या मौत की खबर नहीं हैं।
सूत्रों का कहना है कि पीएलए ने हेलमेट टॉप और पास के क्षेत्र ब्लैक टॉप पर कब्जा कर लिया है। ये दोनों एलएसी की भारतीय सीमा में हैं। यहां से चीन के सैनिक पैगोंग झील और भारत की सामरिक रूप से अहम चुशुल छावनी तक भारतीय सेना की हलचल पर नजर रख सकते हैं।
भारतीय सेना ने ्आज कहा, '29/30 अगस्त की रात पीएलए के सैनिकों ने सैन्य और कूटनीतिक वार्ता में बनी सहमति का उल्लंघन किया...और यथास्थिति बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य हरकत की।' सेना के बयान में कहा गया, 'भारतीय सैनिकों ने पैंगोंगे त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर पीएलए की इस हरकत को नाकाम कर दिया और हमारी स्थिति मजबूत करने तथा जमीनी स्तर पर हकीकत को एकतरफा बदलने के चीन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए कदम उठाए हैं।'
इसमें कहा गया है, 'इस मसले को सुलझाने के लिए चुशूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है।' पैगोंग क्षेत्र में पीएलए ने मई के मध्य में भी घुसपैठ की थी, जिसके बाद यहां लगातार तनाव बना हुआ है। चीन की सेना ने झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 तक कब्जा कर रखा है। इस बीच पीएलए के सैकड़ों सैनिक पहाडिय़ों पर चढ़ गए, जहां से उत्तर से पैगोंग झील को देखा जा सकता है। उन्होंने ग्रीन टॉप पर डेरा जमा लिया, जहां वे अब भी जमे हुए हैं।
इस बीच 2,000 अन्य चीनी सैनिकों ने पैगोंग झील के दक्षिणी किनारे में घुसपैठ की और ब्लैक टॉप पहाड़ी तक गश्त शुरू कर दी। यह पहाड़ी हेलमेट टॉप और भारत की अहम थाकुंग पोस्ट से सटी हुई है।
ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप एलएसी की भारतीय सीमा में हैं। इन दोनों जगहों पर पीएलए के कब्जा करने से एलएसी पश्चिम की तरफ आ गई है, जो चीन के लिए फायदेमंद है। जमीनी सूत्रों का कहना है कि पीएलए हेलमेट टॉप पर अपने साथ पर्याप्त मात्रा में निर्माण सामग्री लेकर आई है ताकि तीन-चार इन्फेंट्री कंपनियों के लिए पक्का ढांचा खड़ा किया जा सके।
पीएलए ने अपने लाभ के लिए पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर एलएसी करीब आठ किलोमीटर खिसका दी है। यह फिंगर 8 से फिंगर 4 तक आ गई है। हालांकि दक्षिणी किनारे पर थाकुंग पोस्ट है। यह मिलीजुली छावनी है, जिसमें सेना के जवान और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान शामिल हैं। उनका पैगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर दबदबा है और वे यहां से झील और उत्तरी किनारे पर चीन की हरकतों पर नजर रखते हैं।
भारत ने पूर्वी लद्दाख में सेना बढ़ाई है। सैनिकों और युवा अधिकारियों में चीन के विश्वासघात को लेकर गुस्सा है। बहुत से यह मानते हैं कि चीन बातचीत की आड़ में भारत का अधिक क्षेत्र कब्जाने की कोशिश कर रहा है। सेना ने आज कहा, 'भारतीय सेना शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्घ है।'
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