खपत-केंद्रित शेयरों में तेजी रहेगी बरकरार | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली August 31, 2020 | | | | |
कई पूर्वानुमानों में जताई गई आर्थिक दबाव की तस्वीर के बावजूद भारतीय खपत की कहानी मजबूत दिख रही है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 23 मार्च के निचले स्तरों के बाद से निफ्टी-50 में आई 51 प्रतिशत की तेजी के मुकाबले 42 प्रतिशत चढ़ा है। हालांकि निफ्टी के मुकाबले उसके कमजोर प्रदर्शन का अंतर ज्यादा नहीं है, लेकिन यह बताना जरूरी है कि निफ्टी कंजम्प्शन सूचकांक में शामिल सभी शेयरों ने तब से सकारात्मक प्रतिफल दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में भारतीय उपभोक्ता बड़े आकार की खुदरा खरीदारी से परहेज करेंगे और उचित कीमत की खरीदारी पर जोर देेंगे। मंदी, आर्थिक दबाव और ऐसे समय के दौरान भी उपभोक्ता अतिरिक्त खर्च वाले उत्पादों की खरीदारी के इच्छुक बने रहेंगे जब उनके पास व्यक्तिगत तौर पर खर्च योग्य आय कम है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा, लॉकडाउन की वजह से रुकी हुई मांग अब सामने आने से भी इन शेयरों को मदद मिल सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के सह-संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक रामदेव अग्रवाल का मानना है, 'मौजूदा समय में तीन तरह के मांग संबंधित रुझान दिख रहे हैं - सामान्य मांग, रुकी हुई मांग और इन्वेंट्री में वृद्घि। वाहन क्षेत्र में, हमें रुकी हुई मांग का मामला दिख रहा है। अप्रैल और मई 2020 में, लॉकडाउन की वजह से किसी ने खरीदारी नहीं की थी। व्यक्तिगत गतिशीलता अब एक बड़ा बदलाव है। आपको यह भी समझना चाहिए कि भारत 'एसेंशियल' यानी जरूरी उत्पादों की खपत पर आधारित अर्थव्यवस्था है न कि 'डिस्क्रेशनरी' उत्पादों पर आधारित।' जब मांग पूरी तरह सामान्य हो जाएगी, बाजार और आर्थिक सुधार की रफ्तार आकर्षक होगी।'
हालांकि खपत-केंद्रित शेयरों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ विश्लेषक इस सेगमेंट को लेकर सतर्क बने हुए हैं।
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