पूंजीगत सामान एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र के लिए जुलाई महीने में टेंडर जारी करना एवं परियोजनाएं आवंटित करने जैसी गतिविधियां पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी रहीं। हालांकि इस तेजी के बाद भी, विशेषज्ञों का कहना है कि नए ऑर्डरों एवं उनके अनुपालन के लिहाज से सितंबर तिमाही भी काफी कठिन रहेगी। सालाना आधार पर इन आंकड़ों में तेजी का अहम कारण पिछले साल चुनावों के चलते गतिविधियों में कमी रहना है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि नए ऑर्डरों के मामले में हालिया तिमाही का प्रदर्शन मार्च एवं जून तिमाही के मुकाबले काफी बेकार रहा। साथ ही, इस साल के शेष समय के लिए भी नए ऑर्डर सड़क एवं जल जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित रहने के आसार हैं। एमकी रिसर्च के अनुसार, पूंजीगत सामान एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र के लिए टेंडरिंग गतिविधियां पिछले एक महीने में 120 प्रतिशत बढ़ी हैं और सालाना आधार पर दोगुनी हुई हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परियोजनाओं में वर्तमान वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में पिछले साल के मुकाबले 166 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई है। हालांकि पिछले साल चुनावी वर्ष होने के चलते इन सभी एजेंसियां द्वारा लिए गए पिछले वर्ष के आंकड़े सामान्य से कम रहे थे। एमकी की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में जारी किए गए अधिकांश ऑर्डर सड़क, रेलवे, जल एवं रियल एस्टेट क्षेत्र से आए। हालांकि रिपोर्ट बताती है कि क्रमिक आधार पर यह संख्या निराशाजनक है और बारह महीनों में आवंटन एवं आदेशों को अंतिम रूप देना अभी भी 28 प्रतिशत कम है। आईआईएफएल में उपाध्यक्ष (शोध) रेणु वैद्य ने कहा, 'यह तिमाही मार्च तथा जून तिमाही से भी खराब हो सकती है। वित्त वर्ष 2020 के बैकलॉग या लंबित ऑर्डर जून तिमाही में बुक किए जा चुके हैं। दूसरी तिमाही में अभी तक नए ऑर्डरों संबंधी गतिविधियां लगभग शांत हैं।' हालिया तिमाही में देश की बड़ी कंपनियों द्वारा नए ऑर्डर नहीं लिए जा रहे हैं। ऑर्सन ऐंड ट्रुर्बो ने 1,000-2,500 करोड़ रुपये की श्रेणी में जुलाई की शुरुआत में केवल एक ऑर्डर की घोषणा की। हालांकि हालिया वित्त वर्ष के शेष समय के लिए कुछ लोगों को नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) से कुछ उम्मीद शेष है।
