बीपीसीएल ग्राहकों को मिलती रहेगी सब्सिडी | शाइन जैकब / नई दिल्ली August 30, 2020 | | | | |
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) के निजीकरण के बाद भी सरकार की ओर से रसोई गैस (एलपीजी) के ग्राहकों को सब्सिडी मिलती रहेगी।
घटनाक्रम के जानकार सूत्रों के अनुसार अगर निजी कंपनी द्वारा बीपीसीएल का अधिग्रहण किया जाता है तब भी पेट्रोलियम मंत्रालय ने सब्सिडी पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय किया है। सरकार के ताजा निर्णय से निजी विपणनकर्ताओं के लिए भी सब्सिडीकृत एलपीजी का क्षेत्र खुल सकता है। निजी कंपनियों के लिए भी सब्सिडी उपलब्ध होने से रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और न्यारा एनर्जी जैसी कंपनियों के एलपीजी कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें समान अवसर उपलब्ध होंगे।
2019 में आरआईएल, न्यारा एनर्जी और टोटाल ने सरकार से समान अवसर उपलब्ध कराते हुए सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर बेचने की अनुमति देने की मांग की थी। इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रविचंद्रन ने कहा, 'सार्वजनिक हो या निजी, सब्सिडी अंतत: ग्राहकों को ही मिलनी है। बीपीसीएल का निजीकरण किया जा रहा है, ऐसे में सभी विक्रताओं के लिए एकसमान नियम होने चाहिए।'
आरआईएल रिलायंस गैस और सुपर गैस के जरिये एलपीजी की बिक्री करती है, लेकिन वह 10 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले ग्राहकों को इसकी आपूर्ति नहीं कर पाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 10 लाख रुपये से नीचे की आय वालों को भी मौजूदा समय में एलपीजी सब्सिडी दी जा रही है। दूसरी ओर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेेट्रोलियम (एचपीसीएल) के घरेलू एलपीजी ग्राहकों को सीधे उनके बैंक खाते में सब्सिडी का पैसा भेजा जाता है।
बीपीसीएल के करीब 7.2 करोड़ रसोई गैस ग्राहक हैं, जिनमें से 2.3 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दायरे में आते हैं। वर्तमान में बीपीसीएल के देश भर में 6,133 एलपीजी वितरक और 51 बॉटलिंग संयंत्र हैं। 2019-20 में पेट्रोलियम क्षेत्र में कुल 24,468 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई जिनमें से करीब 92 फीसदी यानी 22,635 करोड़ रुपये की सब्सिडी एलपीजी मद में दी गई। 2018-19 में यह 31,447 करोड़ रुपये और 2017-18 में 20,880 करोड़ रुपये था।
2019-20 में देश में कुल एलपीजी खपत 2.63 करोड़ टन रही, जो 2018-19 में 2.49 करोड़ टन थी। दूसरी ओर पिछले दो साल के दौरान घरेलू उत्पादन 1.28 करोड़ टन रहा और पिछले वित्त वर्ष में 1.35 करोड़ टन एलपीजी का आयात किया गया।
जुलाई 2020 में कुल एलपीजी खपत में रिकॉर्ड 2.3 फीसदी की वृद्घि देखी गई और अप्रैल से जुलाई के दौरान 10.3 फीसदी की समेकित वृद्घि दर्ज की गई। पिछले साल जुलाई में खपत में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ था और अप्र्रैल से जुलाई 2019 के दौरान एलपीजी की खपत 1.1 फीसदी बढ़ी थी। जुलाई 2020 में कुल पांच क्षेत्रों में से उत्तरी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की कुल एलपीजी बिक्री में 30.3 फीसदी का योगदान रहा। इसके बाद दक्षिण क्षेत्र में कुल बिक्री में सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी 27.5 फीसदी रही।
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