म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग और वितरकों द्वारा चलाए गए डिजिटल-ड्राइव अभियान से नई फंड पेशकशों (एनएफओ) के संग्रहण में मदद मिल रही है, भले देश में कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से लॉकडाउन बरकरार है। हाल में निप्पॉन इंडिया मल्टी-ऐसेट फंड ने अपने एनएफओ के लिए 720 करोड़ रुपये का संग्रह दर्ज किया। निप्पॉन इंडिया एमएफ के अधिकारियों का कहना है कि 60 प्रतिशत आवेदन डिजिटल माध्यमों के जरिये किए गए थे। उद्योग के कारोबारियों के अनुसार, कोविड-19 की वजह से लागू लॅाकडाउन के बावजूद एमएफ उद्योग की डिजिटल क्षमता से एनएफओ को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंच बनाने में मदद मिली है। निप्पॉन इंडिया एमएफ के सह-प्रमुख व्यावसायिक अधिकारी सौगत चटर्जी ने कहा, 'डिजिटल से दायरा बढ़ाने में मदद मिल रही है, क्योंकि आप छोटे शहरों में इसके जरिये पहुंच बढ़ा सकते हैं। हमारे एनएफओ की सफलता के लिए डिजिटली तौर पर निवेशकों को जोडऩे और उन्हें सेवा मुहैया कराने की हमारे वितरक भागीदारों के अनुभव को दिया जा सकता है।' निप्पॉन इंडिया के एनएफओ में 370 स्थानों से 80,000 से ज्यादा निवेशकों ने हिस्सा लिया। अन्य फंड हाउसों में, बड़ौदा एमएफ ने अगस्त में लार्ज- और मिड-कैप फंड का एनएफओ पेश किया है। सोमवार को यूनियन एमएफ ने मीडियम ड्यूरेशन फंड जारी किया जिसका एनएफओ 7 सितंबर को बंद होगा।कोविड पूर्व स्तर का सुधार 2022 तक ही संभव: सोमानी ग्रुप देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप जारी रहने के मद्देनजर कोलकाता के सोमानी समूह का मानना है कि कारोबार में पूर्ण सुधार यानी कोविड पूर्व स्तर का सुधार अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2022) तक ही संभव हो पाएगा। सोमानी समूह रियल एस्टेट क्षेत्र में व्यापक तौर पर इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और सामग्रियों का उत्पादन करती है। कंपनी का कहना है किफिलहाल गैर-महानगरीय शहरों में सुधार को रफ्तार मिलती दिख रही है। सोमानी समूह की होल्डिंग कंपनी सोमानी इम्प्रेसा के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संदीप सोमानी के अनुसार, देश भर में सख्ती से लागू किए गए लॉकडाउन से कारोबार को काफी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन मई के अंत में समाप्त हो गया लेकिन अब सुधार की राह में सबसे बड़ी बाधा स्थानीय लॉकडाउन है। कुल मिलाकर होटल उद्योग की स्थिति लडख़ड़ाने और रोजगार बाजार में अनिश्चितता के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है। बीएस
