कोविड: दो लाख आईटी नौकरियां संकट में | विभु रंजन मिश्रा / August 27, 2020 | | | | |
आईटी उद्योग में प्रदर्शन से संबंधित छंटनी हमेशा होती रही है, लेकिन इस समय आईटी और आईटी एनेबल्ड सर्विसेज (आईटीईएस) में कर्मचारियों की हो रही छंटनियों के लिए कोविड-19 सबसे बड़ा कारण है। उद्योग से जुड़े लोगों और विश्लेषकों के मुताबिक कोविड-19 के कारोबार पर असर के कारण अगली कुछ तिमाहियों में कम से कम डेढ़ से दो लाख आईटी या आईटीईएस कर्मचारियों के प्रभावित होने के आसार हैं। एक मानव संसाधन सलाहकार कंपनी लीडरशिप कैपिटल कंसल्टिंग के सीईओ बीएस मूर्ति ने कहा, 'आप देखेंगे कि लगभग प्रत्येक कंपनी, विशेष रूप से 20 बड़ी कंपनियां प्रदर्शन से संबंधित मुद्दे की वजह से नहीं बल्कि कोविड की वजह से करीब 3 से 5 पांच फीसदी भार कम करेंगी।'
बहुत सी वैश्विक और भारतीय आईटी सेवा कंपनियां पहले ही छंटनी का रास्ता अख्तियार कर चुकी हैं। कुछ ने उन्हें प्रदर्शन से संबंधित कार्रवाई बताया है, जबकि कुछ ने आंतरिक पुनर्गठन।
नैसडेक में सूचीबद्ध कॉग्निजेंट ने पिछले साल आंतरिक पुनर्गठन और वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए दुनिया भर में करीब 13,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की थी। कंपनी के करीब 70 फीसदी कर्मचारी भारत में हैं। माना जा रहा है कि कंपनी इस लक्ष्य को पहले ही पार कर चुकी है। हाल में कुछ श्रम संगठनों ने आरोप लगाया था कि कॉग्निजेंट मूल्यांकन प्रक्रिया में जानबूझकर खराब रेटिंग देकर बड़ी तादाद में छंटनी के बारे में विचार कर रही है।
हालांकि कंपनी ने इससे इनकार किया है। कंपनी ने कहा कि उद्योग के लिए प्रदर्शन प्रबंधन एक सामान्य प्रक्रिया है। इसी तरह आईबीएम ने कथित रूप से अपने वैश्विक कर्मचारी पिरामिड को बेहतर बनाने के लिए भारत में कुछ कर्मचारियों की छंटनी की है।
वैश्विक दिग्गज आईटी और सलाहकार कंपनी एक्सेंचर भी भारत में अपने हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। कंपनी ने इसे सालाना प्रदर्शन प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। यह भी कहा जा रहा है कि बहुत सी भारतीय आईटी सेवा कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की तादाद कम कर रही हैं क्योंकि वे राजस्व में गिरावट के बीच मुनाफे को बनाए रखने पर ध्यान दे रही हैं। मूर्ति ने कहा, 'प्रदर्शन से संबंधित निकासी बहुत सामान्य है, भले ही यह अप मार्केट हो या डाउन मार्केट। इसके अलावा अगर आपके ग्राहक अपना कारोबार का आकार कम कर रहे हैं तो आप इन लोगों का क्या करेंगे? सामान्य परिस्थितियों में उन्हें अन्य कहीं नियोजित किया सकता है, लेकिन मौजूदा माहौल में यह संभव नहीं है क्योंकि सभी खंड सिकुड़ रहे हैं।'
भारत के आईटी और बीपीएम क्षेत्र में करीब 44 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। हर साल प्रदर्शन से संबंधित मुद्दों के कारण करीब दो से तीन फीसदी कर्मचारी प्रभावित होते हैं। उद्योग से जुड़े लोगों की राय है कि इस समय कर्मचारियों की जो छंटनी हो रही है, उसके मुख्य रूप से तीन कारण हैं। पहला, हालांकि आईटी सेवा उद्योग पिछले कुछ समय से अधिक ऑटोमेशन को अपनाने की बात कह रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह इस पर अब पहले की तुलना में ज्यादा बल दे रहा है। दूसरा, बहुत से आईटी अनुबंधों पर फिर से बातचीत हो रही है, जिनके दायरे को घटाया जा रहा है और लागू करने के समय में देरी की जा रही है। वहीं कुछ अनुबंध विशेष रूप से यात्रा एवं आतिथ्य और विमानन के अनुबंध समय से पहले ही खत्म किए जा रहे हैं।
इससे बड़ी संख्या में कर्मचारी रिजर्व पूल में आ गए हैं, जिसे आईटी की भाषा में बेंच कहा जाता है क्योंकि वे किसी फीस प्राप्त होने वाली परियोजना में नियोजित नहीं हैं। सीआईईएल एचआर सर्विसेज के सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, 'पहले किसी परियोजना को माना कि करीब 80 कर्मचारी संभाल रहे थे, अब वह काम 60 लोग कर रहे हैं। इससे शेष 20 लोग बेंच में शामिल हो रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'इसलिए बेंच प्रबंधन पहले की तुलना में अब बहुत ज्यादा अहम हो गया है क्योंकि कंपनियां राजस्व प्रभावित होने के कारण एक निश्चित लाभ हासिल करने पर ध्यान दे रही हैं।' जून में समाप्त तिमाही के दौरान ज्यादातर आईटी कंपनियों में कर्मचारियों की तादाद घटी थी क्योंकि इस तिमाही में कंपनियों से कर्मचारी जुड़े कम और निकले अधिक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कर्मचारियों की शुद्ध संख्या की वजह गैर-स्वैच्छिक निकासी है, जो और कुछ नहीं बल्कि छंटनी ही है।
जून तिमाही के अंत तक टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल समेत शीर्ष चार आईटी कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या पिछली तिमाही की तुलना में 9,144 घटी थी। कर्मचारियों की तादाद टीसीएस में 4,788, इन्फोसिस में 3,138 और विप्रो में 1,082 घटी।
कोरोना घटनाक्रम
- देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के रिकॉर्ड 75,000 से ज्यादा नए मरीज मिले हैं जिससे देश में गुरुवार को कुल संक्रमितों की संख्या 33 लाख के पार चली गई
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड-19 बीमारी से स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गई है जबकि मृत्यु दर घटकर 1.83 प्रतिशत रह गई है
- उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 5,463 नए मामले सामने आए हैं जबकि 76 और मरीजों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 3,217 हो गया
- राजस्थान में संक्रमण से 6 मरीजों की मौत से मृतकों की कुल संख्या 998 हो गई, 633 नए मामले आए
- झारखंड में 24 घंटों में संक्रमण से 15 मरीजों की मौत के साथ मृतकों की कुल संख्या 367 हो गई। संक्रमण के 1,137 नए मामले सामने आने से कुल संख्या बढ़कर 33,311 हो गई
- उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों में डिजिटल शिक्षा को लेकर भेदभाव से बचने के लिए देश में समान शिक्षा प्रणाली के लिए दायर याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किए
- यूनीसेफ ने कहा कि कोविड-19 के चलते बंद स्कूलों की वजह से दूरस्थ शिक्षा पर जोर है, लेकिन दुनिया के करीब एक तिहाई बच्चों के पास इसकी पहुंच ही नहीं है और इससे वैश्विक शिक्षा आपात की स्थिति उत्पन्न हो गई है
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