उम्मीद से ज्यादा बढ़ा रकबा, बंपर पैदावार की आस | सुशील मिश्र / मुंबई August 24, 2020 | | | | |
चालू मॉनसून सीजन में देश भर में औसत से ज्यादा बारिश से उत्साहित किसानों ने खरीफ सीजन की फसलों की बुआई में पूरी ताकत झोंकी है जिससे फसलों का रकबा सीजन के सामान्य रकबे के करीब पहुंच गया। कोविड-19 के जारी आतंक के बीच कृषि फसलों की बुआई सरकारी उम्मीद से कहीं ज्यादा हो चुकी है जो लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सहारा देने वाली साबित होगी।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खरीफ की बुआई चालू सीजन के औसत रकबे के करीब पहुंच गई। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 21 अगस्त, 2020 तक खरीफ फसलों की बुआई 1,062.93 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 8.56 फीसदी अधिक है। इस सीजन में सभी फसलों की बुआई का औसत रकबा 1,066.44 लाख हेक्टेयर रहता है। इनका रकबा 99.67 फीसदी हो चुका है और अब भी कुछ इलाकों में फसलों की बुआई जारी है।
कोविड-19 महामारी के बावजूद देश में इस साल प्रमुख तिलहन और दलहन फसलों के साथ-साथ मोटे अनाज और कपास की खेती में किसानों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान के रकबे ने पिछले साल के बुआई के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। धान बुवाई का रकबा पिछले साल के 338.65 लाख हेक्टेयर से करीब 12 फीसदी बढ़कर 378.32 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। चालू सीजन के दौरान देश में धान का कुल सामान्य रकबा 397.29 लाख हेक्टेयर है। इस बार सरकार की तरफ से धान की बुआई का लक्ष्य 364.73 लाख हेक्टेयर रखा गया था, लेकिन बेहतर बारिश के कारण धान का रकबा सरकारी उम्मीद को पार कर गया।
दलहन का रकबा पिछले साल के 124.15 लाख हेक्टेयर के मुकाबले करीब सात प्रतिशत बढ़कर 132.56 लाख हेक्टेयर हो गया है। मोटे अनाज का रकबा पहले के 166.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 174.06 लाख हेक्टेयर और तिलहन का रकबा 167.53 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 191.14 लाख हेक्टेयर हो गया है। गन्ने का रकबा मामूली वृद्धि के साथ 52.19 लाख हेक्टेयर हो गया जो पिछले साल इस समय तक 51.62 लाख हेक्टेयर था। कपास की बुआई का रकबा 3.36 प्रतिशत बढ़कर 127.69 लाख हेक्टेयर हो गया जो 123.54 लाख हेक्टेयर था।
कृषि मामलों के जानकार कहते हैं कि कोरोना महामारी में जब अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है, ऐसे में फसलों के बुआई केआंकड़े बड़ी राहत देने वाले लग रहे हैं। इनसे बंपर उत्पादन की आस दिख रही है जिससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा। देश की करीब 60 फीसदी जनसंख्या कृषि पर आधारित है।
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