सूखी जुलाई के बाद अगस्त में झमाझम बारिश | संजीव मुुखर्जी / नई दिल्ली August 21, 2020 | | | | |
तुलनात्मक रूप से जुलाई में बरसात कम होने के बाद अगस्त में दक्षिण पूर्व मॉनसून के बादल गरज रहे हैं। इससे न सिर्फ बारिश में आई कमी खत्म हो गई है बल्कि अब तक कुल मिलाकर बारिश सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक हो गई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक 21 अगस्त तक भारत में 678.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश से 7 प्रतिशत ज्यादा है।
जुलाई में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य से 10 प्रतिशत नीचे था और उस दौरान उत्तर पश्चिम और मद्य भारत में सबसे ज्यादा क्रमश: 26 प्रतिशत और 22 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगस्त में अब तक बारिश सामान्य से 10 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। मॉनसून के जून से सितंबर के चार महीनों में होने वाली 889 मिलीमीटर बारिश में अगस्त में सामान्यतया 261 मिलीमीटर बारिश होती है।
बहरहाल अगस्त में अचानक तेज बारिश से कुछ खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना है, जहां पहले बुआई शुरू हो गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना और कर्नाटक में पिछले 10 दिन में भारी बारिश होने के कारण चने औरर मक्के की फसल को खतरा पैदा हो गया है और अगर आसमान साफ नहीं होता तो इनकी उपज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पिछले 10 दिन में तेलंगाना में सामान्य से 300 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ सप्ताह से भारी बारिश हो रही है, जिससे कुछ इलाकों में खड़ी फसलें डूब गई हैं।
लेकिन भारत के उत्तर पश्चिम और मध्य क्षेत्र में मॉनसून का उभार अच्छे समय में हुआ है क्योंकि अगस्त में भी बारिश न होती तो तिलहन और दलहन की फसलों पर बुरा असर पड़ता।
मौसम विभाग ने कहा कि एमपी, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान के कुछ इलाकों और छत्तीसगढ़ में अगले 5 दिनों में बहुत भारी बारिश होगी।
वहीं जुलाई में बारिश न होने से मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में सोयाबीन की फसल पर बुरा असर पड़ा है, जहां अप्रत्याशित रूप से इस साल स्टेम फ्लाई का हमला हुआ है। सामान्यतया स्टेम फ्लाई का हमला मॉनसून में लंबे अवरोध के समय होता है और किसानों ने कहा कि जुलाई में अचानक बारिश रुक जाने से इस कीट को प्रसार का बेहतर मौका मिला।
मध्य प्रदेश के सीहोर में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ जेके कनोजिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'हमने सीहोर, नसरुल्लागंज, देवात और उज्जैन जिलों में स्टेम फ्लाई का हमला देखा और हमारा दल इसके असर का आकलन कर रहा है। अगले 8-10 दिन में सही स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।' सोयाबीन प्रॉसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के मुताबिक रकबा और उपज बढऩे के कारण 2020 में सोयाबीन उत्पादन पिछले साल से 20 प्रतिशत बढ़कर 122.5 लाख टन हो सकता है।
फसल की बुआई के हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि शुक्रवार तक खरीफ फसलों की बुआई करीब 10.629 करोड़ हेक्टेयर रहीहै, जो पिछले साल की समान अवधि से 8.56 प्रतिशत ज्यादा है।
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