इस्पात का उत्पादन करने वाली देश की सबसे पुरानी कंपनी टाटा स्टील ने मौजूदा वैश्विक महामारी के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के दौरान मुक्त नकदी प्रवाह सृजित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज कंपनी के शेयरधारकों से कहा, 'अप्रैल और मई कंपनी के लिए काफी कठिन दौर रहा लेकिन प्रबंधन इस साल सकारात्मक मुक्त नकदी प्रवाह पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और उसके लिए काम कर रहा है।' वह वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिये कंपनी की 113वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक के दौरान शेयरधारकों ने चालू वित्त वर्ष के आरंभ में कोविड-19 प्रकोप के कारण किए गए देशव्यापी लॉकडाउन संबंधी व्यवधान के कारण भारतीय परिचालन की आय में गिरावट को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर कारोबारी परिदृश्य में चुनौतियों के बावजूद इस साल हम अतिरिक्त नकदी हासिल करना चाहते हैं।' वित्त वर्ष 2020 में कंपनी का नकदी प्रवाह 17,745 करोड़ रुपये रहा था जिसमें 11,549 करोड़ रुपये की नकदी एवं नकदी समतुल्य संपत्ति शामिल है। जबकि शेष रकम उधारी के जरिये जुटाई गई। कंपनी का समेकित शुद्ध ऋण बोझ 31 मार्च 2020 को 1,04,779 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना ऋण बोझ भी घटाने की भी संभावनाएं तलाश रही है। चंद्रशेखरन ने कहा, 'गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री और नकदी प्रवाह में वृद्धि दो तरीके हैं जिनका इस्तेमाल ऋण बोझ घटाने में किया जाएगा जो एक लाख करोड़ से अधिक हो चुका है।' हालांकि वित्त वर्ष 2021 की शुरुआत अच्छी नहीं रही लेकिन कंपनी ने उम्मीद जताई है कि आगामी महीनों में स्थिति बहतर होगी। वित्त वर्ष 2020 में टाटा स्टील ने करीब करीब 1.75 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन और बिक्री की। चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2021 में 1.5 करोड़ टन अतिरिक्त उत्पादन करने की योजना बना रही है ताकि पहले दो महीने के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इस बीच, टाटा स्टील ने अप्रैल से जून की अवधि में करीब 80 फीसदी उत्पादन दर्ज की और अब कंपनी निर्यात की ओर बढ़ रही है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान घरेलू बाजार में मांग काफी कम हो गई थी। हालांकि घरेलू बाजार की मांग में जून के बाद सुधार होने लगा है और ग्रामीण बाजार से करीब 70 फीसदी मांग आने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021 में उसी मांग पर टाटा स्टील की नजर रहेगी। जहां तक वित्त वर्ष 2021 में पूंजीगत व्यय का सवाल है तो कंपनी ने 4,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की रूपरेखा तैयार की है जो वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले आधा है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 8,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया था। इस बीच, शेयरधारकों ने यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया सहित कंपनी के वैश्विक परिचालन संबंधी रणनीति के बारे में भी सवाल किए। चंद्रशेखरन ने बताया, 'टाटा स्टील यूके मुनाफा नहीं कमा रही है और उसकी स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। हम ब्रिटेन की सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और बातचीत फिलहाल जारी है। जैसे ही कोई नतीजा निकलेगा हम आपको सूचित करेंगे।'
