देश में तिलहन फसलों की रिकॉर्ड बुआई | सुशील मिश्र / मुंबई August 19, 2020 | | | | |
अच्छी बारिश होने की वजह से चालू खरीफ सत्र में तिलहन की बुआई का रकबा एक साल पहले 163.57 लाख हेक्टेयर से 14.41 प्रतिशत बढ़कर 187.14 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहन फसलों की बुआई में वृद्धि के आंकड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है। इसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तिलहन फसलों की बेहतर बुआई को माना जा रहा है।
चालू खरीफ सीजन में तिलहन फसलों का रकबा खुशखबरी भर दिख रहा है। कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश में 14 अगस्त तक तिलहन फसलों का रकबा 187.14 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, जो तिलहन के सामान्य रकबा 178.08 लाख हेक्टेयर से 9.06 लाख हेक्टेयर और पिछले साल की समान अवधि से 23.56 लाख हेक्टेयर और चालू सीजन की औसत बुआई से 21.42 लाख हेक्टेयर अधिक है।
भारत घरेलू खाद्य तेलों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है। सरकार का जोर तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भरता बनाना है। जिसकी छलक इस बार देखने को भी मिल रही है। चालू खरीफ सीजन में तिलहन फसलों की रिकॉर्ड बुआई हुई है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 14 अगस्त तक 2020 में 187.136 लाख हेक्टेयर, 2019 में 163.572 लाख हेक्टेयर, 2018 में 164.861 लाख हेक्टेयर, 2017 में 157.530 लाख हेक्टेयर, 2016 में 174.872 लाख हेक्टेयर और 2015 में 167.744 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुआई हो सकी थी। आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि इस बार देश में तिलहन फसलों की बुआई पिछले वर्षों की अपेक्षा ज्यादा है, जिससे तिलहन का आयात कम होगा।
सोयाबीन, मूंगफली, तिल, सूरजमुखी और राम तिल खरीफ मौसम के प्रमुख तिलहन हैं। इनकी फसल अक्टूबर के बाद तैयार हो जाती है। चालू सीजन में तिलहन की सभी फसलों का रकबा पिछले साल की अपेक्षा अधिक है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने चालू खरीफ सत्र में 14 अगस्त तक 118.99 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया है, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि के दौरान यह रकबा 111.46 लाख हेक्टेयर था। मूंगफली फसल बुआई का रकबा 35.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 49.37 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि तिल का रकबा 11.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.80 लाख हेक्टेयर, राम तिल का तिल का रकबा 0.87 लाख हेक्टेयर पहुंच गया जबकि पिछले साल इस समय तक 0.68 लाख हेक्टेयर था और अरंडी बीज के खेती का रकबा पिछले साल के 3.83 हेक्टेयर से बढ़कर 4.18 लाख हेक्टेयर हो गया है।
मध्य प्रदेश में 64.87 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल समान अवधि में तिलहन फसलों का रकबा 60.25 लाख हेक्टेयर था। महाराष्ट्र में पिछले साल के 40.72 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 44.26 लाख हेक्टेयर रकबा पहुंच चुका है। गुजरात में तिलहन फसलों का रकबा 19.26 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 26.18 लाख हेक्टेयर हो गया। राजस्थान में रकबा 21.34 लाख हेक्टेयर पहुंच गया जबकि पिछले साल इस समय तक रकबा 19.50 लाख हेक्टेयर था। दूसरे तिलहन उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश में तिलहन फसलों का रकबा पिछले 3.51 लाख, कर्नाटक का 2.49 लाख, तमिलनाडु का 0.81 लाख, उत्तर प्रदेश का 0.13 लाख, छत्तीसगढ़ का 0.10 लाख और उत्तराखंड में 0.05 लाख हेक्टेयर अधिक है। हालांकि बिहार, तेलंगाना और असम में तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल की अपेक्षा थोड़ा कम है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 के खरीफ मौसम में खरीफ फसलों की बुआई का कुल क्षेत्रफल 8.54 फीसदी बढ़कर 1,015.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पहले 935.70 लाख हेक्टेयर था। देश में 13 अगस्त तक प्राप्त वास्तविक वर्षा, 569.2 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले अधिक यानी 578.2 मिमी थी। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 123 जलाशयों में पिछले वर्ष की समान अवधि के 88 प्रतिशत के बराबर पानी है।
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