हाउसिंग फाइनैंस कंपनी एचडीएफसी में हिस्सेदारी लेने के बाद चीन के केंद्रीय बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने अब आईसीआईसीआई बैंक में छोटी हिस्सेदारी ली है। आईसीआईसीआई बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री हाल में संपन्न हुई है। सूत्रों ने कहा, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना, 357 संस्थागत निवेशकों में शामिल था जिन्होंने इस इश्यू में आवेदन किया था। संस्थागत निवेशकोंं में देसी म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियां और वैश्विक संस्थान शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन के केंद्रीय बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक के 15,000 करोड़ रुपये के क्यूआईपी इश्यू में 15 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। मौजूदा बाजार पूंजीकरण के आधार पर आईसीआईसीआई बैंक में पीपल्स बैंक ऑफ चाइना की हिस्सेदारी करीब 0.0065 फीसदी बैठती है। इस बारे में आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना का कई ब्लूचिप भारतीय कंपनियों में निवेश है, जिनमें देश की सबसे बड़ी मॉर्गेज फर्म एचडीएफसी लिमिटेड शामिल है। नियामकीय सूचना के मुताबिक, चीन के केंद्रीय बैंक ने मॉर्गेज कंपनी एचडीएफशी लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी मार्च तिमाही के आखिर में एक फीसदी से ज्यादा बढ़ाई थी। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल-जून तिमाही में एचडीएफसी लिमिटेड की कुछ हिस्सेदारी बेच दी थी। केंद्रीय बैंक ने अपना निवेश घटाकर एक फीसदी से नीचे ला दिया। इसके परिणामस्वरूप जून के आखिर में कंपनी में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाले निवेशकों की सूची से उनका नाम हटा दिया गया। केंद्रीय बैंक मोटे तौर पर विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं, जिनमें सोना, विदेशी मुद्राएं और बॉन्ड (सरकारी व कॉरपोरेट) शामिल हैं। पिछले हफ्ते आईसीआईसीआई बैंक के क्यूआईपी के दौरान सिंगापुर सरकार ने 4.6 करोड़ शेयर खरीदे, जो कुल पेशकश का करीब 11.06 फीसदी बैठता है। अन्य प्रमुख निवेशकों में मॉर्गन स्टैनली इन्वेस्टमेंट फंड्स ग्लोबल ऑपरच्युनिटी फंड और सोसियाते जेनराली-ओडीआई ने क्रमश: 7.31 फीसदी और 5.55 फीसदी हिस्सेदारी ली। क्यूआईपी के उद्येश्य के मुताबिक, इससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल बैंक की पूंजी पर्याप्तता अनुपात में मजबूती, बैंक की प्रतिस्पर्धी क्षमता में इजाफा और सामान्य कंपनी कामकाज आदि में किया जाएगा। इस आवंटन पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने आईसीआईसीआई बैंक की आलोचना की है। कन्फेडरेशन ने कहा है कि देश में चीन विरोधी अवधारणा के बावजूद बैंंक ने पीपल्स बैंक ऑफ चाइना को निवेश की इजाजत दी। संगठन ने कहा कि भारतीय वित्तीय व्यवस्था में घुसने का यह चीन के बैंंक का दूसरा उदाहरण है। इससे पहले वह एचडीएफसी बैंक में निवेश कर चुका है। व्यापार संगठन ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि वह आईसीआईसीआई बैंक व एचडीएफसी को चीनी निकाय का निवेश वापस करने का निर्देश दे।
