आयकर विभाग पूरी तरह से अपने संपूर्ण पुनर्गठन में जुट गया है जिसके तहत दिल्ली में राष्ट्रीय केंद्र के अलावा 20 शहरों में उसके क्षेत्रीय ई-आकलन केंद्र होंगे। करीब 4,224 अधिकारियों को फेसलेस आकलन इकाई में भेजा गया है जबकि 2,000 अधिकारियों को आकलन का अधिकार नहीं दिया जाएगा। करदाताओं और कर अधिकारियों का आमना-सामना रोकने के लिए अधिकारियों की नई भूमिकाओं और कार्य को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फेसलेस आकलन योजना का शुभारंभ किया था जिसमें क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को समाप्त कर दिया गया है और व्यक्तिगत स्तर पर निर्णय का स्थान अधिकारियों के दल ने ले लिया है। इस योजना का लक्ष्य इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना है। नोट में कहा गया है, 'फेसलेस आकलन संबंधी सभी कार्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किए जाएंगे जिसके लिए राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र (एनईएसी) मुख्य माध्यम होगा जहां से सारी सूचनाएं आएंगी और जाएंगी। आरईएसी में अधिकारी और कर्मचारी आयकर अधिनियम के तहत आकलन और सत्यापन संबंधी कार्य करेंगे लेकिन विभाग की ओर से करदाता को सभी संवाद एनईएसी के नाम पर ही होंगे।' फेसलेस आकलन इकाइयों में अधिकारी ही आकलन संबंधी सत्यापन के अलावा पूरी तरह से मूल्यांकन कार्य करेंगे। वे तकनीकी समर्थन देने के अलावा मसौदा आदेशों की समीक्षा भी करेंगे। हालांकि, अंतिम आदेश केवल एनईएसी के माध्यम से ही पारित किए जाएंगे और भेजे जाएंगे। एनईएसी और आरईएसी के बाहर रखे गए 2,000 अधिकारियों को आकलन से इतर के काम सौंपे जाएंगे जिसमें करदाता तक पहुंच, करदाता को शिक्षित करना, करदाता की सुविधा और उनके शिकायतों का निपटारा, कर का संग्रह और वसूली तथा लेखा परीक्षण आदि जैसे कार्य शामिल हैं। ये अधिकारी आयुक्त अपीलों, आईटीएटी, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय, निपटारा आयुक्त आदि के अपीली आदेशों को प्रभावी कराना जैसे कानूनी कार्यों के लिए भी जिम्मेदार होंगे। केंद्रीय शुल्कों, अंतरराष्ट्रीय कर, अंतरण मूल्य शुल्कों और जांच शुल्कों को बदला नहीं गया है और ये पूर्व की भूमिका में ही बने रहेंगे। सर्वेक्षण करने की शक्ति केवल जांच निदेशालयों और टीडीएस शुल्कों के पास होगी। फेसलेस योजना की अगुआई 30 मुख्य आयकर आयुक्तों और 154 प्रधान आयकर आयुक्तों के हाथों में होगी। करीब 32 मुख्य आयकर आयुक्तों और 96 प्रधान आयकर आयुक्तों के पास आकलन से इतर कार्यों की कमान होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह मंच तकनीक, डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल कर एक पारदर्शी, सक्षम और जिम्मेदार कर प्रशासन प्रदान करेगा।
