खुदरा दुकानों ने फ्रीडम सेल से किया परहेज | विवेट सुजन पिंटो / August 15, 2020 | | | | |
इस साल स्वतंत्रता दिवस के सप्ताहांत पर कोई रौनक नहीं दिख रही है और 13 साल में खुदरा विक्रेताओं के लिए यह इस मौके का सबसे खराब सप्ताहांत साबित होने जा रहा है। इस वक्त लाइफस्टाइल, परिधान और फैशन विक्रेताओं की हालत खस्ता है। इसकी वजह यह है कि कई शहरों में लॉकडाउन प्रतिबंधों और उपभोक्ताओं में खरीदारी को लेकर उत्साह कम होने की वजह से ज्यादातर खुदरा विक्रेताओं ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेल की पेशकश नहीं की है।
हालांकि अपवाद में क्रोमा और रिलायंस डिजिटल जैसी कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स खुदरा कंपनियां भी हैं जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेल के साथ-साथ कैशबैक, कई तरह की पेशकश और लैपटॉप, टीवी, मोबाइल फोन तथा कई दूसरे उपकरणों पर छूट दे रही हैं। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेता उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए सामानों पर 60 फीसदी से अधिक छूट दे रही हैं।
लेकिन क्रोमा के मुख्य विपणन अधिकारी रितेश घोषाल का कहना है कि लोग पहले जितने उत्साह से खरीदारी करते थे अब वैसा रुझान नहीं है और बाहर निकलने वाले ज्यादातर खरीदार गंभीर हैं। वह कहते हैं, "यह एक कोई सामान्य सेल वाला समय नहीं है क्योंकि इस वक्त स्टोर में भी सामाजिक दूरी और साफ-सफाई के मानकों को लेकर प्रतिबंध है। हालांकि स्वतंत्रता दिवस की बिक्री में साल दर साल 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी जानी चाहिए जो माहौल को देखते हुए अच्छा है।”
हालांकि फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने हाल में ऑनलाइन फेस्टिवल के दौरान बिक्री में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की है जिनमें काफी हद तक इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणी का योगदान रहा है। ग्राहकों को छूट देने के लिए एमेजॉन का प्राइम डे इवेंट 6 और 7 अगस्त को था। फ्लिपकार्ट का स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा सेल 6-10 अगस्त को था। वहीं एमेजॉन का फ्रीडम सेल 8 अगस्त से 11 अगस्त तक चला।
गुरुग्राम में मौजूद प्रबंधन और खुदरा कंपनी थर्ड आईसाइट के मुख्य कार्यकारी देवांग्शु दत्ता कहते हैं, “इलेक्ट्रॉनिक्स एकमात्र ऐसी श्रेणी है जिसमें इस वक्त लोग खरीदारी कर रहे हैं जिसकी वजह से घर से दफ्तर का काम करने और घर में सीखने का रुझान है। वह कहते हैं, "परिधान और लाइफस्टाइल जैसी श्रेणी में उपभोक्ताओं की दिलचस्पी नहीं देखी जा रही है क्योंकि कई लोगों के लिए ये चीजें इस वक्त उतनी जरूरी नहीं है। ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना है कि इस तरह की खरीद को फिलहाल टाला जा सकता है। इन श्रेणी में खुदरा विक्रेता इन धारणाओं के मुताबिक काम कर रहे हैं।”
छोटे शहरों में परिधान और लाइफस्टाइल से जुड़े सामानों की खुदरा बिक्री का कारोबार करने वाली वी-मार्ट रिटेल के मुख्य वित्तीय अधिकारी आनंद अग्रवाल भी इस बात से सहमत हैं। उनका कहना है, "दुकानों में ज्यादा ग्राहक नहीं आ रहे हैं। कई शहरों में सप्ताहांत में प्रतिबंध लगाने से और लोगों में आर्थिक असुरक्षा बढ़ने से भी खरीदारी प्रभावित हो रही है। हमने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेल की पेशकश नहीं की है।
फ्यूचर ग्रुप से जुड़े लोगों ने स्वीकार किया कि इस साल बिग बाजार के आउटलेट्स में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दी जाने वाली छूट नहीं दी गई थी जिसकी शुरुआत समूह के संस्थापक किशोर बियाणी ने 2007 में की थी। बाजार पर नज़र रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि सेल की पेशकश न करने का संबंध समूह की मौजूदा कर्ज से जुड़ी चिंताओं और प्रतिद्वंद्वी कंपनी रिलायंस रिटेल द्वारा इसे खरीदे जाने की अटकलों से है।
क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि जहां तक इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दी जाने वाली छूट की बात है तो फ्यूचर समूह जरूर अपनी मुश्किलों से जूझ रहा है लेकिन वेस्टसाइड, पैंटालूंस और शॉपर्स स्टॉप जैसे बड़े नाम भी छूट को लेकर ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। मिसाल के तौर पर शॉपर्स स्टॉप ऑनलाइन प्रचार कर रही है और इसने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कोई अलग से छूट का अभियान चलाने के बजाय सीजन के अंत में सेल वाली पेशकश की है।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि खुदरा विक्रेताओं के लिए बिक्री का अगला बड़ा सीजन दशहरा-दिवाली का होगा। कई लोगों को उम्मीद है कि तब तक लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील रहेगी और लोग घर से बाहर खरीदारी करने के विचार को लेकर ज्यादा सहज होंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स चेन विजय सेल्स ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेल का प्रचार नहीं किया। कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता कहते हैं कि इसके लिए दिवाली बेहतर मौका हो सकता है। वह कहते हैं, "तब तक लोगों की ज्यादा आवाजाही देखने को मिल सकती है क्योंकि दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है और कई महीनों की लॉकडाउन के बाद लोग पैसे खर्च करना चाहेंगे।”
संगठित खुदरा विक्रेताओं की शीर्ष संस्था रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि खुदरा बिक्री में जुलाई महीने में साल दर साल 63 फीसदी की गिरावट के बावजूद अब सुधार के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। यह जून में खुदरा बिक्री में साल दर साल 67 प्रतिशत की गिरावट और अप्रैल और मई में दर्ज की गई 70-80 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले थोड़ा बेहतर है।
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