देश के दो सबसे बड़े दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डे यात्रियों के पहुंचने पर उन्हें दो हफ्तों के एकांतवास में भेजने की मौजूदा आवश्यकता के स्थान पर एक व्यावहारिक विकल्प तलाशने में जुटे हैं ताकि उनकी लागत बोझ में कमी आए और मांग बढ़ाई जा सके। हवाईअड्डे डॉ डांग्स लैब और डॉ लाल पैथलैब्स जैसी प्रयोगशाला चेन के साथ 'आगमन पर जांच' आरटी-पीसीआर जांच प्रक्रियाओं की पेशकश करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं। मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा, 'हम टर्मिलन बिल्डिंग के अंदर आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा मुहैया कराने की संभावना पर काम कर रहे हैं। आरटी-पीसीआर जांच के लिए 7-8 घंटे की आवश्यकता पड़ती है और यदि परिणाम नकारात्मक है तो यात्री 24 घंटे के भीतर अपने घर या गंतव्य को जा सकता है।' जांच में नकारात्मक पाए जाने वाले यात्री एकांतवास विशेषतौर पर संस्थागत एकांतवास को नजरअंदाज कर सकते हैं। यात्रा मांग नहीं बढऩे की एक बड़ी वजह एकांतवास में भेजे जाने का भय है। सरकार को दिए गए प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की भी इसी तरह की जांच की जा सकती है। सात घंटे में उन्हें जांच का परिणाम मिल जाएगा, जिसके बाद वे अपने विमान के लिए प्रवेश कर सकते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने ऐसा प्रस्ताव मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से देश के भीतर और बाहर जाने के लिए यात्रा में और ढील दी जा सकती है। कोरोनावायरस के प्रसार के कारण मार्च में ही यात्रा पर रोक लग गई थी। अधिकारी ने कहा, 'इस तरह की प्रक्रिया को तैयार करने के लिए हवाईअड्डे काम कर रहे हैं लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन और गृह मंत्रालय के साथ साथ दूसरे देशों की मंजूरी की आवश्यकता है। साझेदारों के साथ चर्चा के बाद एक मानक प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।' 8 अगस्त से सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एकांतवास के नियमों में बदलाव किया है। अब वे उड़ान भरने से 96 घंटे पहले किए गए आरटी-पीसीआर जांच परिणाम को जमा कराकर संस्थागत एकांतवास से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि, ऐसे यात्रियों को अभी भी सात दिन के लिए घर पर एकांतवास में रहना होगा। जब हवाईअड्डा के पास स्थित बायोटेक लैब में स्वैब लिया जाएगा तो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी परिवहन प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। जांच परिणाम का इंतजार कर रहे यात्रियों को एक प्रतीक्षा कक्ष मुहैया कराया जाएगा लेकिन उन्हें मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग के यात्रियों से मिलने जुलने की अनुमति नहीं होगी। नई जांच प्रक्रिया इन दोनों हवाईअड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए एक भुगतान सेवा के रूप में उपलब्?ध होगी। यात्रियों को भारत की यात्रा शुरू करने से पहले एक खाता खोलना होगा और जांच ऑनलाइन बुक करना होगा। दोनों हवाईअड्डे विमानन कंपनियों से भी इस बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि क्या जांच की लागत को टिकट के दाम में शामिल किया जा सकता है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो इसे कुछ सीमित यात्रियों के लिए एक प्रयोग के आधार पर शुरू किया जा सकता है और उसके बाद इसे धीरे धीरे बढ़ाया जा सकता है। सरकारी अधिकारी ने कहा, 'एक ही समय पर सभी यात्रियों के लिए एक त्वरित जांच प्रक्रिया को लागू करना संभव नहीं होगा। इन सुविधाओं को धीरे धीरे बढ़ाया जाएगा।'
