इलेक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग डोर, डबल गेज सेफ्टी ग्लास वाली खिड़कियां, ब्रेल संकेतक, आपातकालीन स्थिति में बात करने की सहूलियत, यात्री सर्विलांस व्यवस्था और सूचना एवं जगह दिखाने वाले बोर्ड। यह कुछ विशेषताएं हैं, जिसकी मांग रेलवे ने ट्रेन में निजी ऑपरेटरों से की है, जो रेलवे नेटवर्क में ट्रेन चलाएंगे। रेलवे ने बुधवार को निजी ट्रेनों में दी जाने वाली सुविधाओं का मसौदा जारी किया। साथ ही कहा कि इन ट्रेनों में आवाज रहित यात्रा मुहैया कराई जाएगी और इनकी रफ्तार की क्षमता 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। मसौदे में कहा गया है, 'यह ट्रेन डिजाइन की गई होगी, इसलिए वे परीक्षण के दौरान इसे 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला सकते हैं। इस ट्रेन की रफ्तार 140 सेकंड में शून्य से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की जा सकेगी।' मसौदे के मुताबिक इन ट्रेनों में आपातकालीन ब्रेक लगे होंगे, जिससे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में भी ट्रेन 1,250 मीटर चलकर रुक जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि इस ट्रेन की डिजाइन 35 साल आयु के लिए होगी। इसमें कहा गया है, 'हर कोच में हर तरफ दो दरवाजे होंगे, जो न्यूनतम 4 इलेक्ट्रिकली/ न्यूमेटिकली पावर्ड, प्लग टाइप होंगे।' दरवाजों में सुरक्षा व्यवस्था होगी और जब तक सभी दरवाजे बंद और इलेट्रिकली लॉक नहीं हो जाएंगे, ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी। मसौदे में कहा गया है, 'आपात स्थिति में रेलगाड़ी के रुकने पर उसे खाली करने के लिए यात्रियों के लिए दरवाजे खोलने के प्रावधान होंगे।' इसके मुताबिक हर कोच में एक तरफ एक दरवाजा अंदर या बाहर से हाथों से खोला जा सकेगा और सभी खिड़कियों में डबल गेज सेफ्टी ग्लास लगे होंगे। यात्रियों को जोखिम मुक्त माहौल देने पर जोर देते हुए मसौदे में यह भी कहा गया है कि पूरे डिब्बे में पर्याप्त संख्या में हैंड होल्ड लगे होने चाहिए। इसके मुताबिक सामान्य एवं आपातकालीन उपकरण और कंट्रोल होने चाहिए और इसका इस्तेमाल यात्री या कर्मचारी किस तरह से करेंगे, इसके बारे में जानकारी देनी होगी। इन्हें इस्तेमाल करने का तरीका टेक्स्ट और ग्राफिक्स दोनों ही तरीकों से प्रस्तुत करना होगा। इसमें कहा गया है कि आपातकालीन संकेतों को ब्रेल में भी देना होगा। इस ट्रेन की डिजाइन ऐसी होगी कि इसमें शोर यथासंभव कम हो और यह अपनी पूरी आयु तक ड्रमिंग, रैटल्स और वाइब्रेशन से मुक्त रहे। मसौदे में कहा गया है कि इसमें पब्लिक एड्रेस (पीए) सुविधा होनी चाहिए, जिससे कि लोको पॉयलट या गार्ड यात्रियों से जुड़ी घोषणाएं कर सकें। मसौदे में कहा गया है कि सभी दरवाजों व गैंगवेज के नजदीक आपातकालीन बटन और टाक बैक फोन होने चाहिए और साथ ही जीपीएस स्टैंपिंग के साथ बातचीत को रिकॉर्ड करने की भी सुविधा होनी चाहिए।
