बढ़ा गैर जीवन बीमा कंपनियों का प्रीमियम | सुब्रत पांडा / मुंबई August 13, 2020 | | | | |
गैर जीवन बीमा कंपनियों के प्रीमियम में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जुलाई महीने में 18.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें जनरल इंश्योरेंस, स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा और विशेषीकृत पीएसयू बीमा शामिल हैं। जुलाई 2020 में इन्होंने 17,011 करोड़ रुपये प्रीमियम एकत्र किया है, जबकि जुलाई 2019 में 14,369.51 करोड़ रुपये प्रीमियम आया था। बहरहाल अप्रैल जुलाई अवधि के दौरान गैर जीवन बीमा कंपनियों के प्रीमियम में वृद्धि करीब 1.62 प्रतिशत ही रही है।
कुल 25 जनरल इंश्योरेंस करने वालों के प्रीमियम में 13 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और जुलाई 2020 में प्रीमियम बढ़कर 13,862 करोड़ रुपये हो गया है, जो जुलाई 2019 में 12,277 करोड़ रुपये था। इसमें ज्यादा योगदान निजी बीमाकर्ताओं का रहा, जिनका प्रीमियम इस अवधि के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर 8,737.67 करोड़ रुपये हो गया है। चार सरकारी जनरल इंश्योरेंस कर्ताओं का प्रीमियम पिछले साल जुलाई 2019 के 5,478.87 करोड़ रुपये की तुलना में महज 0.09 प्रतिशत बढ़कर 5,484.33 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सबसे बड़ी लाभार्थी स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनियां रहीं और कुल 6 बीमाकर्ताओं का प्रीमियम 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 1,573.96 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,116.86 करोड़ रुपये था। मुख्य रूप से लोगों ने स्वाथ्य पॉलिसी ली है, जिससे महामारी की अनिश्चितता में संरक्षण मिल सके।
इस वृद्धि में स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका अहम रही है। केयर रेटिंग ने एक नोट में कहा कि इसकी वजह यह हो सकती है कि जुलाई 2020 बीमा पॉलिसियों में निवेश करने और आयकर अधिनियम की धारा 80डी और धारा 80सी के तहत कर छूट पाने की अंतिम तिथि थी। जुलाई में प्रीमियम संग्रह में जहां तेज बढ़ोतरी हुई है, वहीं अप्रैल जुलाई के दौरान अलग तस्वीर सामने आती है। जनरल बीमा कर्ताओं, जिनमें निजी व सार्वजनिक दोनों शामिल हैं, के प्रीमियम संग्रह में 1.36 प्रतिशत की कमी आई है और यह जुलाई 2019 के 50,212.10 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 49,528.41 करोड़ रुपये रह गया है। वित्त वर्ष के पहले दो महीने में लॉकडाउन का इस पर असर पड़ा है। दरअसल चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान गैर जीवन बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में 4.24 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं अप्रैल जुलाई 2020 में स्वाथ्य बीमा के प्रीमियम में 23 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी हुई है और यह पिछलेे साल की समान अवधि के 3,908.94 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 4,806 करोड़ रुपये हो गया है।
उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रीमियम में कमी आने का दौर अब रुक गया है। लेकिन वृद्धि की रफ्तार भी कमजोर है। वाहन क्षेत्र की हालत खराब होने का असर पड़ा है और कारों की बिक्री नहीं बढ़ रही है।
केयर रेटिंग के मुताबिक अर्थव्यवस्था की वृद्धि स्थिर होने और वाहनों की बिक्री घटने से मोटर बीमा के कारोबार पर आगे और असर पड़ेगा, वहीं स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि महामारी ने स्वास्थ्य बीमा में लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है।
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