जून तिमाही में कर्मचारी लागत पर कोरोना का संक्रमण | सचिन मामबटा / August 11, 2020 | | | | |
कंपनियों के जून तिमाही के परिणामों से पता चलता है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के असर से जूझने के कारण कर्मचारियों की लागत में तीव्र कटौती की गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए कैपिटालाइन के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 217 में से कुल 129 कंपनियों ने जून तिमाही के दौरान कर्मचारियों की लागत में कटौती की है। मार्च 2019 तक के पिछले आंकड़ों में यह पूर्ववर्ती किसी भी तिमाही के मुकाबले ज्यादा है। प्रत्येक पूर्ववर्ती तिमाहियों के दौरान कर्मचारियों की लागत में वृद्धि दिखाई देती है जिससे यह पता चलता है कि कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों पर अधिक खर्च किया था, जबकि अन्य कंपनियों ने कटौती की थी जिसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर इसमें इजाफा हुआ था। जून तिमाही के दौरान इस प्रवृत्ति में विराम दिखाई देता है क्योंकि आधे से अधिक कंपनियों ने लागत को तर्कसंगत बनाने का विकल्प चुना था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में खुदरा अनुसंधान के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि कुछ मामलों में यह बात वेतन कटौती और अन्य मामलों में नौकरियों में छंटनी दर्शाती है। कुछ कंपनियों ने वर्ष के अंत में किए जाने वाले परिवर्तनीय भुगतानों का कम राशि में ऋण भुगतान किया होगा, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में कारोबार पिछले साल के मुकाबले सुस्त रहने की आशंका है। हालंाकि बोनस का भुगतान साल के अंत में किया जाता है, लेकिन कंपनियां आम तौर पर इसे हर तिमाही में अपने कर्मचारी की लागत के अंतर्गत प्रदान करती हैं। इस प्रावधान में कमी आएगी, क्योंकि कंपनियां साल के अंत में इसी स्तर पर बोनस का भुगतान करने की उम्मीद नहीं कर रही हैं। सामान्य समय में कई विनिर्माण कंपनियां कर्मचारियों को दोहरी पारी या अतिरिक्त समय तक काम करने के लिए भुगतान करती हैं, जो इस बार नहीं हुआ होगा। फार्मास्युटिकल्स (फार्मा) जैसे कुछ क्षेत्रों ने कर्मचारी लागत में इजाफा दिखाया है। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के उपभोक्ता सामानों में कटौती की जरूरत नहीं थी। फार्मा भी इसी तरह का क्षेत्र था। आंकड़ों से पता चलता है कि रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी), दूरसंचार, फार्मास्युटिकल और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां उन प्रमुख क्षेत्रों में से थीं जिन्होंने मार्च के मुकाबले जून तिमाही के दौरान कर्मचारियों पर अधिक खर्च किया। इनमें से प्रत्येक खंड की मांग में कुछ अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कारोबार पर कम प्रभाव के साथ उम्मीद के संकेत दिखाई दिए थे। इनमें से प्रत्येक खंड में कर्मचारी लागत बढ़ गई।
सबसे ज्यादा प्रभावित रहने वाले क्षेत्रों में इस्पात, वायु परिवहन सेवा और वाहन कंपनियां शामिल हैं। जून तिमाही के दौरान कार बिक्री में गिरावट आई थी, जबकि परियोजनाएं रोकने से इस्पात की मांग में कमी आई थी। सरकार द्वारा वायरस का संक्रमण रोकने के लिए आवाजाही पर बंदिश लगाने के बाद हवाई यात्रा रुक गई थी।
मानव संसाधन समाधान कंपनी टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि संभवत: कर्मचारियों का दुख पूरी तरह से खत्म न हो पाए। उन्होंने लगता है कि अगली तिमाही में भी गड़बड़ रहेगी। वर्ष 2020-21 के लिए टीमलीज सर्विसेज की अप्रैल से सितंबर की रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार नौकरी देने के इरादे में इसके पिछले स्तर के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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