दिवालिया फर्मों से एजीआर वसूली की बनाएं योजना | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली August 10, 2020 | | | | |
उच्चतम न्यायालय ने उन दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के मामले की सुनवाई आज स्थगित कर दी, जो दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही हैं। ऐसी कंपनियों में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम), एयरसेल और वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस आदि शामिल हैं।
शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि दिवालिया हो चुकी कंपनियों से एजीआर बकाया वसूलने की योजना तैयार की जाए। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि इन दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दिवालिया प्रक्रिया क्यों शुरू की गई।'
इन तीनों कंपनियों पर एजीआर का कुल 40,000 करोड़ रुपये बकाया है। आरकॉम से 31,000 करोड़ और एयरसेल से 12,389 करोड़ रुपये की वसूली होनी है। दिवालिया प्रक्रिया तब शुरू हुई, जब परिचालन कर्ज देने वाली एरिक्सन और चाइना डेवलपमेंट बैंक ने कुछ दावे किए। सिस्तेमा श्यान टेलीसर्विसेज (एसएसटीएल) ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि उसका एजीआर बकाया आरकॉम को चुकाना चाहिए।
दूरसंचार विभाग के अनुसार आरकॉम और एसएसटीएल पर 6 मार्च 2020 को 25,195 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसमें से 222.10 करोड़ रुपये की देनदारी एसएसटीएल पर बनती है।
वर्ष 2017 में इस कंपनी का आरकॉम में विलय हो गया था। फरवरी 2019 में आरकॉम ने दिवालिया के लिए आवेदन किया था। 20 जुलाई को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नजीर और एमआर शाह के पीठ ने दूरसंचार कंपनियों को चरणबद्ध रूप में एजीआर बकाया चुकाने की इजाजत देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि आरकॉम, एयरसेल, सिस्तेमा श्याम और वीडियोकॉन की कार्रवाई की सच्चाई जांची जाएगी। दूरसंचार विभाग का गणित कहता है कि भारती एयरटेल पर 43,780 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है, जिसमें से 18,004 करोड़ रुपये कंपनी ने चुका दिए हैं। इस तरह उस पर 25,976 करोड़ रुपये बकाया रह गए हैं। वोडाफोन आइडिया ने कुल 50,399 करोड़ रुपये के बकाये में से 7,854 करोड़ रुपये चुका दिए हैं और टाटा टेलीसर्विसेस 4,197 करोड़ रुपये दे चुकी है, जिसके बाद उस पर 12,601 करोड़ रुपये बकाया रह गए हैं।
केंद्र ने 18 जून को सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार क्षेत्र से इतर सार्वजनिक उपक्रमों जैसे गेल आदि से एजीआर बकाया वसूली की अपनी मांग 96 फीसदी कम करने का फैसला किया है। इन कंपनियों से 4 लाख करोड़ रुपये की मांग की थी। अदालत ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी निजी दूरसंचार कंपनियों से 'उचित भुगतान योजना' पेश करने और 'अपनी मंशा साबित करने' के लिए कुछ भुगतान करने को कहा था।
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