वित्तीय साझेदार तलाश रहा टाटा | |
देव चटर्जी / मुंबई 08 10, 2020 | | | | |
सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाने वाला टाटा समूह इस कंपनी के लिए संयुक्त रूप से बोली लगाने के लिए वित्तीय साझेदार तलाश रहा है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वाली विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) में बहुलांश हिस्सेदारी वाला साझेदार होगा और वित्तीय साझेदार को इसमें अल्पांश हिस्सेदारी दी जाएगी। एयर इंडिया के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है।
सूत्रों के अनुसार विस्तारा और एयर एशिया इंडिया के परिचालन का अनुभव देखते हुए निजी इक्विटी फंड और अमेरिकी फंड टाटा के साथ साझेदारी करने के लिए इच्छुक हैं। घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया, 'टाटा समूह को कई प्रस्ताव मिले हैं जिनमें से वह अपने लिए उपयुक्त साझेदार चुनेगा। अंतिम निर्णय अभिरुचि पत्र जमा कराने से पहले लिया जाएगा।'
वित्तीय साझेदार तलाशने की एक वजह यह है कि टाटा संस को टाटा टेलीसर्विसेज के समायोजित सकल राजस्व बकाया मद में सरकार को मोटी रकम का भुगतान करना है। समूह से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि हालांकि टाटा समूह अपने दम पर भी एयर इंडिया में निवेश कर सकता है लेकिन वैश्विक अनुभव वाले वित्तीय साझेदार मिलने से उसे थोड़ी सहूलियत होगी। टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस ने टाटा एसआईए एयरलाइंस (विस्तारा का परिचालन करने वाली कंपनी) में इस साल अप्रैल में अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही कर दिया है।
इस बारे में जानकारी के लिए टाटा संस को ईमेल किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
दिलचस्प है कि वित्तीय साझेदारों ने संकेत दिए हैं कि एयर इंडिया के लिए आक्रामक बोली नहीं लगेगी क्योंकि कोविड महामारी के कारण विमानन कंपनियों के मूल्यांकन में खासी कमी आई है। कोविड के बाद से कई विमानन कंपनियों ने दिवालिया के लिए आवेदन किया है और कुछ को संबंधित सरकारों से उदार राहत पैकेज दिए गए हैं। ऐसे में उम्मीद है कि एयर इंडिया के लिए गिनी-चुनी विमानन कंपनियां ही बोली लगाएंगी।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि टाटा एयर एशिया के साथ अपने संयुक्त उपक्रम से जुड़े मसले को भी निपटा रहा है। एयर एशिया ने संयुक्त उपक्रम से बाहर निकलने का निर्णय किया है और 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 5 करोड़ डॉलर की कीमत मांगी है। टाटा फिलहाल एयर एशिया की पेशकश का मूल्यांकन कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार एयर एशिया पर निर्णय एयर इंडिया के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने से पहले लिया जा सकता है। सूत्रों ने कहा, 'दो सौदे होने की संभावना है। एक एयर एशिया अपने संयुुक्त उपक्रम से बाहर निकलेगी और वित्तीय साझेदार को एयर एशिया में हिस्सेदारी दी जाएगी, साथ ही साथ संयुक्त रूप से एयर इंडिया के लिए बोली लगाने का भी विकल्प होगा।'
विमानन क्षेत्र के विश्लेषकों ने कहा कि कोविड महामारी खत्म होने बाद संपूर्ण सेवा मुहैया कराने वाली विमानन कंपनियों जैसे कि एयर इंडिया और विस्तारा के परिचालन में सुधार होगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उन्हें अच्छी आय हो सकती है। एयर इंडिया का अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में वर्चस्व है।
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