परिधान क्षेत्र में मायूसी का माहौल | टीई नरसिम्हन / चेन्नई August 08, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस महामारी के बीच करीब 95 फीसदी परिधान विनिर्माताओं के अपनी उत्पादन क्षमता के 50 फीसदी से कम पर अपना परिचालन शुरू करने के आसार हैं। ऐसा एक सर्वेक्षण में कहा गया है। सर्वेक्षण में शामिल 68 फीसदी उद्यमियों ने अनुमान जताया कि वे अगले तीन महीने में अपनी उत्पादन क्षमता का 25 फीसदी से भी कम हिस्सा इस्तेमाल कर पाएंगे।
क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) का यह सर्वेक्षण उस संकट को दर्शाता है, जिससे यह उद्योग गुजर रहा है। सर्वेक्षण में शामिल 74 फीसदी उद्यमियों ने जून 2020 में समाप्त तिमाही में बिक्री 90 फीसदी घटने का अनुमान जताया। वहीं अन्य 13 फीसदी ने 75 से अधिक गिरावट का अनुमान जताया।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने अगले 12 महीनों में कोई बड़ा सुधार नहीं होने की आशंका जताई है। करीब 21 फीसदी परिधान विनिर्माताओं ने अनुमान जताया कि वे अगले 12 महीने के दौरान अपनी क्षमता के 25 फीसदी से कम पर परिचालन करेंगे। वहीं 46 फीसदी ने 25 से 50 फीसदी के बीच परिचालन की संभावना जताई। इसका मतलब है कि करीब आधा उद्योग अगले 12 महीनों में क्षमता के 50 फीसदी से कम पर परिचालन का अनुमान जता रहा है। सीएमएआई ने कहा कि एमएसएमई की बहुलता वाले क्षेत्र में कार्यशील पूंजी में कमी से चिंताएं और बढ़ रही हैं। विनिर्माताओं को खुदरा क्षेत्र से भुगतान नहीं मिल रहा है क्योंकि वह भी इतनी ही मुश्किलों से गुुजर रहा है।
सर्वेक्षण में शामिल करीब 91 फीसदी उद्यमियों ने कहा कि उन्हें पिछली तिमाही में अपने बकाये का 25 फीसदी से भी कम हिस्सा मिला। करीब 85 फीसदी ने अगले तीन महीने में भुगतान न मिलने के आसार जताए। दरअसल, 44 फीसदी लोगों ने अपना 20 से 50 फीसदी बकाया फंसने की आशंका जताई।
सीएमएआई के अध्यक्ष राकेश बियाणी ने कहा, 'ये सभी नतीजे परिधान उद्योग के भविष्य में अत्यधिक बुरे हालात का संकेत देते हैं। बहुत से छोटे उद्यमियों का वजूद बने रहने को लेकर अत्यधिक आशंकाएं हैं।' सीएमएआई के उपाध्यक्ष राजेश मसंद ने कहा, 'हमारे सदस्यों का कारोबार सामान्य होने में कम से कम एक साल और लगेगा।'
सीएमएआई के मुख्य परामर्शदाता राहुल मेहता ने उद्योग में बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा, 'सर्वेक्षण के नतीजों को देखते हुए अगर 25 से 30 फीसदी इकाइयां बंद हो जाती हैं तो मुझे कोई अचंभा नहीं होगा। मेरा अनुमान है कि उन कंपनियों में भी 25 से 30 फीसदी नौकरियां जाएंगी, जो इस साल किसी तरह अपना वजूद बचाने में सफल रहेंगी।'
इस समय उद्योग में करीब 85,000 फैक्टरी हैं, जिनमें कोविड से पहले करीब 1.2 करोड़ लोग कार्यरत थे। क्रिसिल की एक हाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड महामारी के कारण घरेलू एवं निर्यात मांग में गिरावट, कम लाभ और कार्यशील पूंजी चक्र के लंबा होने से चालू वित्त वर्ष में तैयार परिधान विनिर्माताओं की ऋण लेने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पडऩे के आसार हैं।
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