सीजी पावर को नया मालिक मिला | अमृता पिल्लई / मुंबई August 08, 2020 | | | | |
प्रवर्तक गौतम थापर द्वारा सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्युशंस को छोडऩे के एक साल बाद इस कंपनी को अब नया मालिक मिल गया है। मुरुगप्पा समूह की ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया शुक्रवार को हुए 700 करोड़ रुपये के सौदे के तहत इस कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले रही है।
सीजी पावर और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ने बीएसई को भेजे अलग अलग बयानों में कहा है कि दोनों कंपनियों ने 700 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयरों के आवंटन और वारंट जारी करने के लिए सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रतिभूतियों के आवंटन के बाद, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स इस कंपनी में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करेगी और उसे कंपनी बोर्ड में बड़ी संख्या में निदेशक नियुक्त करने का अधिकार होगा।
ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स दो हिस्सों के सौदे में यह नियंत्रण हासिल करेगी। पहले सीजी पावर के 64,25,23,365 इक्विटी शेयरों का आवंटन 2 रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य और 8.56 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स को किया जाएगा, जिसकी कुल वैल्यू 550 करोड़ रुपये होगी। इक्विटी शेयर आवंटन के बाद कंपनी में ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स की 50.62 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
सौदे में ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स को अन्य 17,52,33,645 वारंट का आवंटन भी शामिल है। वारंटी के तहत इक्विटी शेयरों की खरीदारी की वैन्यू 150 करोड़ रुपये है, जिसमें 37.5 करोड़ रुपये निवेशक द्वारा वारंट सबस्क्रिप्शन के तौर पर चुकाए जाएंगे। वारंट के कन्वर्जन के बाद सीजी पावर में ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स की शेयरधारिता बढ़कर 56.61 प्रश्तिात हो जाएगी।
कंपनी को 2 सितंबर को होने वाली ईजीएम में सौदे के लिए शेयरधारकों की मंजूरी भी लेनी होगी। बीएसई को भेजे अपने बयान में ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ने कहा है कि यह अधिग्रहण सिक्योरिटीज सबस्क्रिप्शन एग्रीमेंट की तारीख से 120 दिन से पहले पूरा हो जाएगा।
हालांकि विश्लेषक इस सौदे को सकारात्मक मान रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इससे मूल्यांकन आंकलन में समस्या आएगी, क्योंकि सीजी पावर की वित्तीय स्थिति के बारे में ज्यादातर विवरण का खुलासा किया जाना अभी बाकी है। सीजी पावर को पिछले साल चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ा था। अगस्त 2019 में कंपनी ने एक्सचेंजों को रिस्क एंड ऑडिट कमेटी (आरएसी) रिपोर्ट की जानकारी दी थी जिसमें कंपनी में हुए कई संदिग्ध लेनदेन का विवरण शामिल था। रिपोर्ट से कर्मचारी-केंद्रित धोखाधड़ी होने का संकेत मिला था। इनमें कंपनी और समूह स्तर, दोनों पर कम दिखाई गईं देनदारियां और अग्रिम शामिल थीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कंपनी की नेटवर्थ अनधिकृत रूप से बट्टे खाते में रकम डाले जाने की वजह से कम रह गई है। आखिर में सेबी को प्रवर्तक गौतम थापर को पूंजी बाजार में पहुंच बनाने से रोकने का कदम उठाना पड़ा।
ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ने शुक्रवार को कहा कि उसकी परिचालन, वित्तीय और प्रशासनिक क्षमताओं और अनुभव से सीजी पावर की मौजूदा समयाएं दूर करने करने और दोनों कंपनियों के लिए वैल्यू तैयार करने में मदद मिलेगी।
सीजी पावर के शेयरधारकों में केकेआर इंडिया फाइनैंशियल सर्विसेज, भारती (एसबीएम) होल्डिंग्स, येस बैंक और एलऐंडटी फाइनैंस मुख्य रूप से शामिल हैं। येस बैंक मई 2019 में सीजी पावर का शेयरधारक बना।
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