टीका उत्पादन की तैयारी में जुटी सरकार | सोहिनी दास / August 06, 2020 | | | | |
देश में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 20 लाख होने वाली है और कोरोना के टीके के लिए काफी भागदौड़ हो रही है, ऐसे में सरकार ने पहले से ही बहुप्रतीक्षित कोरोना टीके के लिए विनिर्माण तैयारी का जायजा लेना शुरू कर दिया है।
इस सप्ताह हुई एक बैठक में फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने देश में टीके पैकेजिंग के प्रमुख घटक, कांच की शीशियों तथा सिरिंज की क्षमता एवं टीकों के वितरण की स्थिति की समीक्षा की। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हम वैक्सीन के तैयार हो जाने के बाद की तैयारी की जांच कर रहे हैं। टीकों को भरने के लिए हमें कांच की शीशियों और सिरिंजों की आवश्यकता होगी। हमने कई कंपनियों के साथ समीक्षा बैठक की है।'
इस समय दो स्वदेशी कंपनियां, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और कैडिला हेल्थकेयर की जायकोव-डी, दोनों चिकित्सकीय परीक्षणों के दूसरे चरण में हैं। इस बीच, सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा भी देश की 17 इकाइयों में इस सप्ताह के भीतर ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके एजेडडी1222 के दूसरे चरण का परीक्षण शुरू करने की उम्मीद है।
सीरम इंस्टीट्यूट इस साल के अंत तक 30 करोड़ टीके बनाने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी पहले से ही टीके की पैकेजिंग के लिए व्यवस्था कर चुकी है। भारत बायोटेक प्रारंभिक चरण में कोवैक्सीन की 20 करोड़ खुराक तैयार करने पर काम कर रही है। जायडस कैडिला ने भी टीका बनाने के लिए अलग से प्रयोगशाला विकसित की है और अगर जरूरत पड़ी तो जायकोव-डी बनाने के लिए मौजूदा इकाइयों को भी साथ लिया जा सकता है।
हालांकि, टीका निर्माण एवं वितरण के लिए पैकेजिंग एक अहम घटक होगा। कांच की शीशियों के लिए भारत में 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने वाली कंपनी पीरामल ग्लास के उपाध्यक्ष विजय शाह ने कहा कि वे पहले से ही टीका निर्माताओं वं दूसरी फार्मा कंपनियों की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने पर काम कर रहे हैं। कांच की शीशियों की मांग पिछले साल की तुलना में लगभग 30 फीसदी अधिक है।
शाह ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वे आसानी से मोल्डेड कांच की शीशियों की क्षमता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'हम बहुत कम समय में अपनी क्षमता को दोगुना कर सकते हैं। हमारे पास एक और भ_ी है जहां हम टाइप 3 शीशियां बनाते हैं जिनका इस्तेमाल सूखे पाउडर वाले इंजेक्शन तैयार करने में किया जाता है। मांग में अचानक तेजी आने पर टाइप 1 या मोल्डेड कांच की शीशियां बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।'
इस बीच, जर्मन समूह कंपनी स्कॉट एजी भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। कंपनी दो दशक से अधिक समय से यहां कारोबार कर रही है और 2019 के अंत में इसने गुजरात के जंबुसर में 2.1 करोड़ यूरो निवेश करके कांच से संबंधित एक नई इकाई का उद्घाटन किया। कंपनी इस साल एक अन्य इकाई के लिए 2.6 करोड़ यूरो निवेश करने के ले प्रतिबद्ध है।
एक अनुमान के अनुसार, प्रारंभिक चरण में कोरोना के लिए लगभग 10 लाख टीके विकसित किए जाएंगे। वैश्विक स्तर पर स्कॉट बोरोसिलिकेट ग्लास ट्यूबिंग बनाने की अपनी क्षमता को 40,000 टन तक बढ़ा रही है। वहीं, शाह ने आश्वासन दिया कि भले ही कांच की शीशियों की कमी का माहौल बनाया जा रहा हो लेकिन ऐसा नहीं होगा।
कोरोना घटनाक्रम
► केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड -19 से ठीक हो चुके रोगियों की संख्या 13,28,336 हो गई है और इसी के साथ गुरुवार को स्वस्थ होने की दर सुधर कर 67.62 प्रतिशत हो गई। वहीं, मृत्यु दर घटकर 2.07 प्रतिशत रह गई
► भारत में संक्रमण के 56,282 नए मामले सामने आने के बाद गुरुवार को कुल संक्रमितों की संख्या 19,64,536 हो गई। वहीं पिछले 24 घंटे में संक्रमण से कुल 904 लोगों की मौत हो गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या 40,699 हो गई
► केंद्र ने 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज की दूसरी किस्त के रूप में 890.32 करोड़ रुपये दिए
► दिल्ली में कोविड-19 के 1,299 नए मामले सामने आए, जिससे शहर में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1.41 लाख से अधिक हो गई। मृतकों की संख्या 4,059 हो गई
► अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को तड़के आग लगने से कोविड-19 के आठ मरीजों की मौत हो गई
► कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगियों का इलाज किए जाने से भी मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है। इलाज के इस तरीके के प्रभाव का आकलन करने के लिए एम्स में किए गए अंतरिम परीक्षण विश्लेषण में यह बात सामने आई है।
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