रखरखाव के लिए बंद हो रहीं रिफाइनरी | अमृता पिल्लई / मुंबई August 06, 2020 | | | | |
सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की घरेलू रिफाइनिंग कंपनियां अपनी रिफाइनिंग क्षमता को दुरुस्त करने और वार्षिक रखरखाव संबंधी कार्यों के लिए संयंत्रों को बंद करने जा रही हैं। मई और जून में दमदार सुधार के बावजूद पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में नरमी के मद्देनजर रिफाइनरियों को थोड़े समय के लिए बंद किया जा रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने पिछले कुछ महीनों के दौरान रखरखाव के लिए अपने कुछ संयंत्रों को बंद करने की पहल की है।
इंडियन ऑयल ने अपनी पारादीप रिफाइनरी को 25 जुलाई से बंद कर दिया और वह 15 अगस्त तक बंद रही। जुलाई में ही आरआईएल ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि वह नियमित रखरखाव और निरीक्षण संबंधी गतिविधियों के लिए अपने जामनगर संयंत्रों को कुछ समय के लिए बंद करने की योजना बना रही है। वह संयंत्र जुलाई के चौथे सप्ताह से लेकर अगले 3-4 सप्ताह के लिए बंद रहेगी। बीपीसीएल ने जुलाई में अपनी कोच्चि रिफाइनरी में कच्चे तेल की इकाई को 3 सप्ताह के लिए बंद कर दिया था और अब वह संयंत्र चालू हो चुका है। कंपनी ने अपनी मुंबई रिफाइनरी में कैटेलिटिक रिफॉर्मर को इसी महीने तीन सप्ताह के लिए बंद करने की योजना बनाई है।
तेल क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल जुलाई में पेट्रोल की मांग 88 फीसदी थी जबकि डीजल की मांग 80 फीसदी रही थी।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एमके सुराना ने कहा कि मॉनसून और कुछ हद तक स्थानीय लॉकडाउन के कारण मांग कमजोर है। उन्होंने कहा कि मई और जून में आवश्यक सेवाओं के कारण मांग में तेजी से सुधार दिखा था। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की अंतिम मांग में सुधार अन्य उद्योगों के सामान्य उपयोगिता के साथ परिचालन पर निर्भर करेगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने 3 अगस्त को जारी एक रिपोर्ट में कहा, 'ऐसे संकेत दिख रहे हैं कि वाहन ईंधन की खपत में 1 से 15 अप्रैल के निचले स्तर से होने वाले सुधार को कुछ शहरों में दोबारा लॉकडाउन लगाए जाने से जुलाई में झटका लगा है।'
बहरहाल, मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर रिफाइनिंग कंपनियों ने अपने उत्पादन में कटौती की है। उदाहरण के लिए, जुलाई में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी उपयोगिता घटकर 80 से 85 फीसदी रह गई जो जून में 96 फीसदी थी। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इंडियन ऑयल की क्षमता उपयोगिता जुलाई के आरंभ में 93 फीसदी थी जो घटकर इस महीने के आखिर में 75 फीसदी रह गई। जहां तक एचपीसीएल का सवाल है तो सुराना ने कहा कि वह अपने उपयोगिता स्तर को बरकरार रखेगी लेकिन उसी के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद में बदलाव करेगी। बीपीसीएल की रिफाइनिंग क्षमता उपयोगिता जुलाई में घटकर 72.7 फीसदी रह गई जो जून में 74.2 फीसदी थी।
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