सर्वोच्च मूल्यांकन पर निफ्टी | कृष्ण कांत / मुंबई August 05, 2020 | | | | |
दलाल पथ पर शेयर निवेशकों की लिवाली के बीच सूचकांक स्तर पर मूल्यांकन अपने सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को कारोबार की समाप्ति के बाद एनएसई निफ्टी 50 का बेंचमार्क सूचकांक प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो (किसी कंपनी के शेयर की मौजूदा कीमत और इसकी प्रति शेयर आय का अनुपात) अपनी पिछले 12 महीने की प्रति शेयर आय के 30.4 गुना सतर पर पहुंच गया।
मौजूदा मूल्यांकन 10 वर्ष के औसत अनुपात 22 गुना के मुकाबले 36 प्रतिशत अधिक और 20 वर्ष के औसत पी/ई अनुपात 20 गुना की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक है। इसकी तुलना में सूचकांक का मूल्यांकन अपने 12,355 के सर्वकालिक स्तर के 28.6 गुना पर पहुंच गया। 16 जनवरी को निफ्टी 12,355 के स्तर पर पहुंच गया था। निफ्टी 50 के मूल्यांकन अनुपात के आंकड़े जनवरी 1999 से उपलब्ध है।
विश्लेषकों का कहना है कि कोविड-19 के कारण पिछली दो तिमाहियों में निफ्टी की प्रति शेयर आय में गिरावट और 20 मार्च के निचले स्तर से सूचकांक में आई तेजी इसके लिए जिम्मेदार है। सूचकांक की 50 कंपनियों के संयुक्त मुनाफे का हाल बताने वाली ईपीएस ऊंचे स्तरों से करीब 20 प्रतिशत फिसल चुकी है, लेकिन सूचकांक इस अवधि के दौरान केवल 10 प्रतिशत ही फिसला है। सूचकांक का मौजूदा ईपीएस करीब प्रति सूचकांक यूनिट 365 है, जो 20 मार्र्च के आस-पास 384 रुपये रहा था। इस वर्ष जनवरी में ईपीएस 453 रुपये के सर्चोच्च स्तर पर था।
विश्लेषकों का कहना है कि बैंक एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों शेयरों में गिरावट नहीं आई होती तो निफ्टी एक नए सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गया होता। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेस के विश्लेषकों ने अपनी हालिया बुल्स ऐंड बीयर्स रिपोर्ट में कहा है, 'पिछले चार महीनों में थोड़ी तेजी के बाद निफ्टी (बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा शामिल नहीं) कोविड-19 से पूर्व के स्तरों से भी आगे निकल गया है।' बीएफएसआई शेयरों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन अब तक इस वर्ष 28 प्रतिशत फिसला है।
ब्रोकरेज कंपनियों को लगता है कि बाजार में तेजी कुछ ही शेयरों में सिमट कर रह सकती है। इनके अनुसार कुछेक शेयरों में तेजी है और इनमें और खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में अंतर बहुत अधिक है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने कहा कि निफ्टी-50 में शीर्ष 15 शेयर करीब 15,000 के स्तर की छाप छोड़ रहे हैं, जबकि शेष 35 शेयर लगभग 8,400 के करीब कारोबार करते दिख रहे हैं। उदाहरण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर के मूल्यांकन में पिछले चार महीने के दौरान बड़ा बदलाव हुआ है और यह इस समय 10 वर्ष के औसत अनुपात 13.6 गुना के मुकाबले 25.2 गुना पीई पर कारोबार कर रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि मूल्यांकन बढऩे के साथ ही निवेशकों के लिए बढ़त सीमित होती जा रही है।
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