देश में टिड्डी दलों के दूसरे चरण के हमले के तीन महीने से अधिक हो चुके हैं। इनका पहला हमला साल के आरंभ में हुआ था। हालांकि अब तक इस खतरे के पूरी तरह से टल जाने के बहुत कम संकेत हैं। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ताजा परामर्श के मुताबिक टिड्डी दलों की समस्या आगे भी कुछ समय के लिए जारी रह सकती है। एफओए ने अपने 21 जुलाई के परामर्श में कहा, 'इस बात का खतरा बना हुआ है कि एक सीमित संख्या में टिड्डियों का झुंड इसी महीने पूर्वोत्तर सोमालिया से भारत-पाकिस्तान सीमा की ओर रवाना हो सकता है।' इसके नतीजे किसानों को भुगतने पड़ सकते हैं खासकर बुरी तरह से प्रभावित राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में ये तबाही मचा सकते हैं। बाजरा, दलहन, मूंग और मोठ कुछ ऐसी प्रमुख फसलें हैं जिनपर टिड्डी दल का खतरा मंडरा रहा है। भले ही सरकार का दावा है कि राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर अब तक देश में कहीं से भी फसलों को बहुत अधिक नुकसान होने की खबरें नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक टिड्डी दलों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पा लिया जाता, तब तक खतरा बरकरार रहेगा। अपरिपक्व गुलाबी टिड्डी दलों और वयस्क पीले टिड्डी दलों का झुंड फिलहाल राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चुरु, सीकर, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अजमेर पाली, अलवर और टोंक जिलों में सक्रिय हैं। आगामी हफ्तों में न केवल टिड्डी दलों के नए झुंडों की आने की आशंका है बल्कि भारत में पहले से मौजूद टिड्डी दल प्रजनन कर रहे हैं। रेगिस्तानी टिड्डी दलों को लेकर एफएओ ने अपने परामर्श में कहा, 'भारत में पूरे राजस्थान में वयस्क समूह और टिड्डियों के झुंड बड़े हो रहे हैं जहां कई क्षेत्रों में अंडे देने की प्रक्रिया जारी है। अब तक कुछ ही कीट समूह और दल तैयार हुए हैं लेकिन आगामी हफ्तों में भारी संख्या में इनके उत्पन्न होने की आशंका है।' केंद्र सरकार ने 25 जुलाई तक दावा किया था कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार के दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर टिड्डी दलों को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की गई है। एफओए के मुताबिक एक वयस्क टिड्डी एक दिन में अपने वजन लगभग दो ग्राम के करीब खाना खा सकता है। हालांकि, टिड्डियों के एक वर्ग किलोमीटर के झुंड में कोई 4 करोड़ से 8 करोड़ टिड्डी हो सकते हैं। हर दिन वे यदि 130 से 150 किलोमीटर उड़ते हैं तो वे 35,000 लोगों का खाना चट कर सकते हैं। आज की तारीख तक केंद्र सरकार ने राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में छिड़काव वाहनों के साथ 104 नियंत्रण टीमें तैनात कर रखी है जबकि केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी टिड्डी दलों पर नियंत्रण के काम में जुटे हैं। भारत ने ब्रिटेन से 45 नए अल्वामास्ट छिड़काव मशीन आयात किए हैं जिनमें से 15 पहले ही आ चुके हैं और 30 आने वाले हैं। उच्च क्षमता वाले ये छिड़काव यंत्र एक बार रसायन भरे जाने के बाद बहुत बड़े इलाके को कवर कर सकते हैं।
