तीन महीने में 10 वर्ष के बेंचमार्क बॉन्ड में बदलाव | अनूप रॉय / मुंबई August 04, 2020 | | | | |
सरकार ने 10 वर्ष के बेंचमार्क बॉन्ड का एक नया सेट पेश किया है। सरकार ने नए बॉन्ड के जारी होने के कुछ ही महीने के भीतर इसे पेश किया है क्योंकि रिकॉर्ड उधारी ने लागू करने में मुश्किल रहने वाले प्रतिदान को एकत्रित नहीं रखने की स्थिति बना दी है।
शुक्रवार की नीलामी में सरकार ने 5.77 फीसदी के प्रतिफल पर 10 वर्ष का नया बॉन्ड पेश किया था और इससे 18,000 करोड़ रुपये जुटाया था। मई में जारी प्रतिभूति का कट ऑफ कूपन 5.79 फीसदी का था और इसकी तरलता के कारण बाजार में इसका भी खूब व्यापार हुआ था। यह अब तक का सबसे छोटा रूलिंग बेंचमार्क है और सरकार को आगे चलकर इसकी प्रतिदान सीमा को बढ़ाना पड़ सकता है ताकि इतनी संख्या में प्रतिभूतियों के निर्गम को टाला जा सके।
आईसीआईसीआई बैंक में खजाने के प्रमुख बी प्रसन्ना ने कहा, 'सरकार अमूमन किसी भी प्रतिभूति में कुल इश्यू की संख्या 1.2 लाख करोड़ रुपये पर सीमित रखती है ताकि प्रतिदानों के एकत्रीकरण को टाला जा सके। साप्ताहिक नीलामी के आकार को देखते हुए मई में जारी 10 वर्ष के बॉन्ड पहले ही कुल बकायों में 1.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका था, जिसके कारण सरकार ने संभवत: चालू वित्त वर्ष में इतनी जल्दी 10 वर्ष का बॉन्ड जारी करने का निर्णय लिया।'
आमतौर पर ऐसी बेंचमार्क व्यवस्था साल में एक बार की जाती है। बॉन्ड डीलर कहते हैं ऐसी तीव्र बेंचमार्क व्यवस्था से दर के निर्धारण पर बाजार में कुछ संशय उत्पन्न हो सकता है। साथ ही जब बकाया 1.2 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच जाता है तो लोग मौजूदा बॉन्ड पर निर्णय नहीं लेते हैं क्योंकि उन्हें निर्गम के रुकने का डर होता है।
ज्यादा उधारी की योजना से बाजार में निवेश करने वाले तमाम लोगों के लिए सामान्य नियम बिगड़ा है। मूल योजना में 2020-21 में 7.8 लाख करोड़ रुपये लिया जाना था, लेकिन उसके बाद लक्ष्य 53.85 प्रतिशत बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। पहली छमाही में 5.16 लाख करोड़ रुपये लिया गया, जबकि करीब 60,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए ग्रीनशू ऑप् शन का इस्तेमाल किया गया है।
रिजर्व बैंक कम अवधि के बांडों को लंबी तिथियों वाले बांडोंं में बदलकर यील्ड प्रबंधन में भी लगा हुआ है। प्रसन्ना ने कहा कि मई में पेश किया गया 10 साल के बांड में अभी भी 16,000 करोड़ रुपये की संभावनाएं बची हुई हैं और इसका इस्तेमाल शेष साल मेंं नीलामी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके साथ ही 10 साल की प्रतिभूति 9वीं प्रतिभूति है, जो पूर्ण पहुंच वाले मार्ग के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास मौजूद होगा। ऐसे में यह भी विदेशी निवेशकों को पोजिशन लेने के लिए प्रतिभूतियोंं की उपलब्धता बढ़ाएगा और इससे विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।
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