बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड पर शिकंजा कस सकता है। इसकी वजह यह है कि फॉरेंसिक ऑडिटर ने कंपनी के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट में ऐसी बातें कही हैं, जिनसे अनियमितताओं का पता चलता है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने इस साल अप्रैल में अपनी छह डेट योजनाएं अचानक बंद कर दी थीं। सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट शुक्रवार को सेबी को सौंपी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि योजनाएं अचानक बंद करते समय कंपनी ने स्थापित नियम-कायदों का पालन नहीं किया था। सेबी ने मई में अकाउंटिंग एवं ऑडिट कंपनी चोकसी ऐंड चोकसी को यह पता लगाने के लिए कहा था कि फ्रैंकलिन ने डेट योजनाएं बंद करने में स्थापित नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया था और पूरी पारदर्शिता बरती थी या नहीं। सेबी द्वारा संभावित जांच के बारे में पूछे जाने पर फ्रैंकलिन टेम्पलटन के प्रवक्ता ने कहा, 'हम बाजार में बेवजह फैली अफवाह और ऑडिट रिपोर्ट से जुड़े पहलुओं पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। हम अपनी तरफ से ऑडिटरों को जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं।' सूत्रों ने कहा कि सेबी ऑडिट कंपनी की रिपोर्ट पर विचार कर रहा है और उसके बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में निर्णय लेगा। नियामक के एक सूत्र ने कहा, 'रिपोर्ट में कुछ रकम का जिक्र है, जिससे संदेह खड़ा होता है। जांच में म्युचुअल फंड से जुड़े कायदों के उल्लंघन की बात भी सामने आई है।' सूत्रों ने कहा है कि ऑडिट कंपनी को फ्रैंकलिन टेम्पलटन और इसमें निवेश करने वाली इकाइयों के बीच किसी तरह की आपसी सांठगांठ का पता लगाने के लिए भी कहा गया था। ऑडिटर ने इस बात की भी जांच की है कि कहीं फंड कंपनी ने किसी निवेशक के हित को नजरअंदाज तो नहीं किया है। 23 अप्रैल को फ्रैंकलिन ने निकासी का दबाव एवं डेट बाजार में नकदी के अभाव का हवाला देकर अधिक प्रतिफल देने वाली अपनी छह डेट योजनाएं बंद कर दी थीं। इन योजनाओं का संयुक्त परिसंपत्ति आधार 25,856 करोड़ रुपये था।
