नए 26एएस फॉर्म में मांगी जाएगी अधिक जानकारी | बिंदिशा सारंग / August 03, 2020 | | | | |
कोविड-19 महामारी के कारण आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा कई बार बढ़ाई जा चुकी है, जिस पर आपकी नजर भी होगी। मगर नजर केवल तारीख पर ही नहीं रखें क्योंकि काफी कुछ और भी बदल गया है, जिसकी खबर आपको होनी चाहिए। आयकर विभाग ने नया फॉर्म 26एएस जारी किया है, जिसमें करदाताओं को पहले से कहीं अधिक जानकारी प्रदान करनी होगी।
क्लियरटैक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अर्चित गुप्ता कहते हैं, 'यह फॉर्म 1 जून, 2020 को लागू हो गया। इससे पहले तक जो फॉर्म 26एएस लागू था, करदाताओं को उसी की आदत थी। मगर नए फॉर्म में कुछ खुलासे बढ़ गए हैं।' आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा में भी विस्तार किया गया है। अब इस साल 30 नवंबर तक रिटर्न दाखिल किया जा सकता है।
पिछले कुछ साल से चले आ रहे फॉर्म 26एएस में कर भुगतान (एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स और अन्य) और संबंधित वित्त वर्ष में करदाताओं द्वारा प्राप्त आय पर काटे गए कर (वेतन, ब्याज, लाभांश, पेशेवर फीस और अन्य) आदि की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती थी। मगर नए फॉर्म में अतिरिक्त जानकारी मांगी गई हैं। एनए शाह एसोसिएट्स में पार्टनर गोपाल बोहरा कहते हैं, 'अब नए फॉर्म -26एएस में कुछ और खुलासे भी करने होंगे। इनमें कुछ विशेष वित्तीय लेनदेन (शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड और अन्य), आयकर विभाग द्वारा कर की मांग या इसका रिफंड, कर विभाग द्वारा या इसके समक्ष विचाराधीन या निपटाए गया मामला और राजस्व संग्रह के लिहाज से अहम किसी किसी भी कानून या देशों के बीच हुए कर समझौतों के तहत किसी अधिकारी द्वारा प्राप्त जानकारी आदि शामिल हैं।'
कर विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि नए फॉर्म में जिस तरह की जानकारी मांगी जाएंगी, उन्हें लेकर करदाताओं में थोड़ी चिंता जरूर है मगर यह सब कुल मिलाकर उनके हित में ही है। आने वाले समय में करदाताओं को नए फॉर्म में आयकर विभाग के पास दर्ज ई-मेल पते और मोबाइल नंबर की जानकारी भी देनी होगी। इससे करदाताओं को कर विभाग के पास अपनी तमाम जानकारियां अद्यतन यानी अपडेट रखने में मदद मिलेगी। जैन कहते हैं, 'चूंकि आयकर विभाग बकाया रकम से जुड़ी जानकारी भी देगा, इसलिए ईमेल या मोबाइल फोन पर सूचना मिलने से आपको यह समझने में आसानी होगी कि कर की मांग वाजिब है या नहीं। विवाद की सूरत में भी आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी।'
आयकर विभाग के पास विचाराधीन मामले से जुड़ी जानकारी के विवरण में यह भी बताया जाएगा कि किसी भी साल में कितने मामले निपटाए जा चुके हैं। करदाताओं को किसी मामले में की गई अपील से जुड़ी पूरी जानकारी भी हासिल हो पाएगी। साथ ही उन्हें ऐसे मामले का पता भी चल जाएगा, जिसके बारे में अभी तक वे अनजान थे।एक अच्छी बात यह है कि विस्तृत विवरण उपलब्ध होने से करदाताओं को किसी तरह की त्रुटि दुरुस्त करने का भी मौका मिलेगा।
वोहरा बताते हैं कि करदाता आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर माई अकाउंट पर क्लिक करने के बाद फॉर्म 26-ए डाउनलोड कर सकते हैं। वह चाहे तो नेट बैंकिंग सुविधा के माध्यम से भी इसे डाउनलोड कर सकते हैं। वोहरा कहते हैं कि नए फॉर्म से त्रुटियां दुरस्त करने में भी मदद मिलेगी। बकौल वोहरा यदि कोई गलती हो जाती है तो उसे सुधारने के दिशानिर्देश आयकर विभाग ने अभी तक नहीं दिए हैं। मगर करदाता फॉर्म-26 में किसी तरह की त्रुटि को आवश्यक दस्तावेज के साथ कर अधिकारियों के संज्ञान में ला सकते हैं। टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट या फॉर्म-26एएस कर दाखिल करने के लिए एक आवश्यक दस्तावेज है और इसकी सावधानी पूर्वक समीक्षा होनी चाहिए।
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