देश की सबसे बड़ी र्ईंधन रिटेलर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का एकीकृत कर पूर्व लाभ जून तिमाही में 42 फीसदी की गिरावट के साथ 3,204.4 करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल की समान अवधि में यह 5,482.35 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का परिचालन राजस्व जून तिमाही में 41 फीसदी घटकर 90,106.48 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,52,497.06 करोड़ रुपये रहा था। इस अवधि में इन्वेंट्री नुकसान 3,196 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 2,362 करोड़ रुपये रहा था। यह तिमाही में 3.05 डॉलर प्रति बैरल का नुकसान बताता है जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसे 3.92 डॉलर प्रति बैरल का फायदा हुआ था। तिमाही में सकल रिफाइनिंग मार्जिन -1.98 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 4.69 डॉलर प्रति बैरल रहा था। कंपनी ने निर्यात समेत कुल 16.504 मिलियन टन उत्पादों की बिक्री की। तिमाही में उसकी कुल रिफाइनिंग 12.930 मिलिटन टन की रही। तिमाही में पेट्रोल की बिक्री 36 फीसदी घटी जबकि डीजल की बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जिसकी वजह कोविड के कारण हुआ लॉकडाउन और आवाजाही पर पाबंदी है। उज्ज्वला ग्राहकों को मुफ्त में एलपीजी सिलिंडर की वितरण के कारण एलपीजी की बिक्री तिमाही में 15.2 फीसदी बढ़ी। आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा, बिक्री व रिफाइनिंग क्षमता के लिहाज से हम निकट भविष्य में सामान्य स्थिति की ओर लौट जाएंगे। हमारी रिफाइनरी 75 फीसदी क्षमता पर परिचालित हो रही है और मुझे उम्मीद है कि वित्त वर्ष की बाकी अवधि में भी यह 70-75 फीसदी के दायरे में रहेगी। उन्होंने कहा, कंपनी को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत दूसरी तिमाही और वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में करीब 40 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेगी। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी ने 26,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का खाका खींचा है और उसमें से 2,675 करोड़ रुपये पहली तिमाही में हुए। वैद्य ने कहा, साल के पूंजीगत खर्च में कमी करने की कंपनी की कोई योजना नहीं है।
