नए उच्चस्तर पर पहुंचा सोना | |
राजेश भयानी / मुंबई 07 29, 2020 | | | | |
सोने की कीमतें आज मुंबई के जवेरी बाजार और एमसीएक्स वायदा में नए उच्चस्तर पर पहुंच गईं। हालांकि विश्लेषकों को अब लग रहा है कि मुनाफावसूली से कीमतें नीचे आ सकती हैं।
आज हाजिर बाजार में सोना स्टैंडर्ड 505 रुपये की उछाल के साथ 52,760 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, वहीं एमसीएक्स वायदा भी अपने सर्वोच्च स्तर 52,846 रुपये पर कारोबार कर रहा है। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का कारोबार 1976 डॉलर प्रति आउंस पर जबकि चांदी का कारोबार 24.36 डॉलर पर हो रहा है। जवेरी बाजार में चांदी 63,951 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई जबकि एमसीएक्स पर यह करीब 65,500 रुपये रही।
चांदी में उतारचढ़ाव काफी ज्यादा हो गया है, जो बाजार में घबराहट का संकेत दे रहा है। मजबूत फंडामेंटल के बीच आगे मुनाफावसूली की संभावना से इनकार नहींं किया जा सकता। सोना भी अपवाद नहींं है और अल्पावधि में यहां भी मुनाफावसूली का जोखिम बना हुआ है।
मंगलवार को एमसीएक्स चांदी वायदा और एशिया में कॉमेक्स फ्यूचर के शुरुआती कारोबार में काफी उतारचढ़ाव देखा गया। एमसीएक्स पर मंगलवार को चांदी 9.3 फीसदी यानी 5,693 रुपये प्रति किलोग्राम टूटी, जो एक दशक की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। हालांकि निचले स्तर से यह एक बार फिर 3 फीसदी चढ़ गई। इसी तरह कॉमेक्स फ्यूचर भी उच्चस्तर से 10 फीसदी टूटा और गिरावट के सात फीसदी के बराबर भरपाई भी कर ली।
ऐसी ही चाल सोने में दिखी, जो 1974 डॉलर के उच्चस्तर पर पहुंच गया था और गिरकर 1900 डॉलर पर आ गया, लेकिन एक बार फिर वह 1944 डॉलर पर पहुंच गया। मंगलवार की बिकवाली की वजह सीएमई समूह की तरफ से मार्जिन में इजाफे की खबर थी। हालांकि विश्लेषकों को कई अन्य संभावनाएं दिख रही हैं, जो मुनाफावसूली को हवा दे सकता है और कीमतें नीचे आ सकती हैं।
मेटल फोकस की रिपोर्ट में कहा गया है, कीमत का परिदृश्य सोने के लिए रचनात्मक बना हुआ है, लेकिन हम सतर्क रहेंगे। यह ट्रेडिंग वॉल्यूम से भी काफी बढ़ोतरी से भी स्पष्ट हुआ है, जो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों में हाल में देखे गए हैं। बुधवार का उतारचढ़ाव हमारी राय का समर्थन करता है।
चीन और भारत के एमसीएकक्स समेत वैश्विक एक्सचेंजों पर उच्च्च वॉल्यूम भी उतारचढ़ाव में इजाफा कर रहा है। मेटल फोकस का कहना है, ईटीएफ होल्डिंग में बढ़ोतरी सोने की तेजी के लिए अहम है। ईटीएफ के निवेशकों की प्रवृत्ति हालांकि वायदा निवेशकों के मुकाबले अपने निवेश से टिके रहने की होती है, लेकिन कुछ नए पोजीशन निस्संदेह सुनियोजित होंगे।
पिछले दो दशकों में भारत में 80,000 टन से ज्यादा चांदी का आयात किया है। साल 2010 व 2011 में कई निवेशकों ने 50,000 व 60,000 रूप से ऊपर चांदी खरीदी थी और निकासी के लिए इसका भाव 1 लाख रुपये पर पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि पहले दशक में कम भाव पर चांदी की खरीदारी कम कीमत पर हुई होगी, लेकिन इस दशक में उनका औसत भाव 40,000 से 45,000 रुपये प्रति किलो है। वे भारी मुनाफे पर बैठे हैं और बिकवाली कर सकते हैं।
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने कहा, हमें लग रहा है कि निवेशकों की अवधारणा में बदलाव से सटोरिये सोने के बाजार से बाहर निकल सकते हैं और कीमतें तेजी से नीचे आ सकती हैं।
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