सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की योजना इक्विटी पूंजी में 6 अरब डॉलर जुटाने की है लेकिन यह रकम कोविड-19 महामारी के कारण उपजे आर्थिक संकट से अनुमानित जोखिमों को समाप्त करने के लिए अपर्याप्त है। फिच रेटिंग के मुताबिक आर्थिक झटकों को सहने के लिए उन्हें सरकार से अतिरिक्त पूंजी समर्थन की दरकार होगी। रेटिंग एजेंसी ने यह भी चेताया है कि सरकार की ओर से अपने कुछ बैंकों में अपनी बड़ी शेयरधारिता में कमी लाने पर जमाकर्ताओं के विश्वास को चोट पहुंच सकती है। ऐसा होने पर संभवत: नकारात्मक रेटिंग की कार्रवाई हो सकती है क्योंकि उनकी दीर्घावधि रेटिंग सरकारी समर्थन पर पर टिकी होती है। कई बड़े सरकारी बैंकों ने हाल ही में पूंजी बाजार से ताजी इक्विटी में कुल मिलाकर करीब 6 अरब डॉलर जुटाने की घोषणा की है। रेटिंग एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा कि सरकारी बैंक पहले से ही शेयर बाजार के दबावग्रस्त मूल्यों और कमजोर निवेशक रुचि के कारण महत्त्वपूर्ण क्रियान्वयन जोखिमों का सामना कर रहे हैं। यदि प्रस्तावित पूंजी पूरी तरह से जुटा ली जाती है तब भी इससे सरकारी बैंकों के मौजूदा कॉमन इक्विटी टियर (सीईटी1) अनुपातों में केवल करीब 100-150 आधार अंक ही जुड़ेंगे। हमारी उच्च दबावग्रस्त परिदृश्य के तहत इससे कुछ अंतरिम पूंजी राहत मिल सकती है।
