सिनेमा घर मालिक सरकार पर दबाव दे रहे हैं कि उन्हें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रत्येक सिनेमा घर को चलाने की अनुमति दी जाए क्योंकि अगर इससे कम क्षमता पर काम किया जाता है तो यह आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं होगा और ऐसे में वह काम शुरू करने में सक्षम नहीं होंगे। सिंगल स्क्रीन व मल्टीप्लेक्स मालिकों के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ बातचीत में यह सामने आया है, जिसमें सरकार ने संकेत दिए हैं कि 25 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमा हॉल चलाने को अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है। सरकार कोविड-19 के प्रतिबंधों के नए दिशानिर्देश तैयार कर रही है, जो एक अगस्त से लागू होंगे। 25 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमाघर चलाने का मतलब हुआ कि हर एक सीट के बगल और आगे पीछे की सीट खाली छोड़ी जाएगी। सिनेमा हाल कंपनियों ने कहा कि अमेरिका व अन्य देशों के विपरीत भारत में किराया बहुत ज्यादा है और टिकट के दाम कम (150 से 200 रुपये) हैं। ऐसे में आधी क्षमता से कम पर काम करना अव्यावहारिक होगा। 4 महीने से ज्यादा समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण 10,000 सिनेमाघरों (जिनमें 2,800 मल्टीप्लेक्स हैं) पर असर पड़ा है। साथ ही 2019 में जहां बॉक्स ऑफिस से 115 अरब रुपये की कमाई हुई थी, इस वित्त वर्ष में अब तक पूरी तरह खत्म हो गई है। इस उद्योग में दो लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं, जिनमें से ज्यादातर की नौकरियां जा चुकी हैं। एक मल्टीप्लेक्स कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अगर एयरलाइंस में औसत यात्रा 2 घंटे की होती है तो मध्य की सीट खाली नहीं रखी जाती है चाहे वह अंतरराष्ट्रीय उड़ान हो। ऐसे में यह तर्क आता है कि हमसे सामने और पीछे की सीट और दोनों बगल की सीट खाली रखने को क्यों कहा जा रहा है।' एक प्रस्ताव यह है कि बैठने की व्यवस्था शतरंज के बोर्ड की तरह हो, जिसमें 50-50 का वितरण हो। बहरहाल सूत्रों ने कहा कि सिनेमाघर मालिकों और सरकार के बीच चर्चा चल रही है और इस पर अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा। मल्टीप्लेक्स मालिकों ने पहले ही विस्तृत परिचालन मानक तैयार कर लिए हैं और अगर परिचालन शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो शो के पहले और बाद में सैनिटाइजेशन, पंक्ति के हिसाब से निकासी, एक से अधिक स्क्रीन होने की स्थिति में अलग अलग समय से शो शुरू करने, पेपर टिकट न होने, आरोग्य सेतु डाउनलोड करना अनिवार्य करने के साथ अन्य मानक शामिल हैं। सिनेमाघरों को खोलना बड़े फिल्म निर्माताओं के हिसाब से भी अहम है, जिनके फिल्म की रिलीज अटकी हुई है। इसकी वजह से कई प्रोड्यूसरों को एमेजॉन और हॉटस्टार डिज्नी जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म जारी करने को बाध्य होना पड़ा है।
