बाजार हलचल | बीएस संवाददाता / July 26, 2020 | | | | |
येस बैंक के नए शेयरों में आज से कारोबार
अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में जारी येस बैंक के 12.5 अरब नए शेयरों का कारोबार सोमवार से शुरू होगा। इससे लेनदार का इक्विटी आधार दोगुना होकर 25.05 अरब हो जाएगा। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि 12 रुपये प्रति शेयर पर जारी नई इक्विटी येस बैंक के शेयरों पर गिरावट का दबाव बना सकते हैं। पिछले चार कारोबारी सत्रों में यह शेयर पहले ही करीब 30 फीसदी गंवा चुका है और यह 20 जुलाई के 19.4 रुपये के मुकाबले गिरकर 13.9 रुपये का रह गया है। साथ ही स्टॉक एक्सचेंजों इस शेयर पर सर्किट फिल्टर 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि इस वजह से सूचीबद्धता पर निवेश निकासी पर विचार कर रहे एफपीओ निवेशकों के लिए अवरोध पैदा हो सकता है। समी मोडक
आरआईएल के आंशिक चुकता शेयरों पर दांव
ज्यादा जोखिम उठाने वाले निवेशक ज्यादा कमाई के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के आंशिक चुकता शेयरों की ओर बढ़ गए हैं। हाल के हफ्तों में आंशिक चुकता शेयर, पूर्ण चुकता शेयरों का हाईबीटा संस्करण साबित हुआ है। ये शेयर पूर्ण चुकता शेयरोंं के मुकाबले दो गुना ज्यादा बढ़ोतरी या गिरावट दर्ज कर रहे हैं और उनकी कीमत अभी पूर्ण चुकता शेयर की आधी है। पिछले छह कारोबारी सत्र में आरआईएल के पूर्ण चुकता शेयर 16 फीसदी उछलकर 2,146 रुपये पर पहुंच गए, वहीं आंशिक चुकता शेयरों में इस अवधि में 31 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई और वह 1,270 रुपये पर पहुंच गया। एक विश्लेषक ने कहा, आंशिक चुकता शेयर आरआईएल के शेयरों की तेजी का फायदा उठाने का अच्छा तरीका साबित हुआ है। उतनी ही रकम में आप ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं और उनमें ज्यादा फायदा हासिल करने की प्रवृत्ति है। उन्होंने हालांकि चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गिरावट का दौर आएगा तो पूर्ण चुकता शेयरोंं के मुकाबले आंशिक चुकता शेयरों में गिरावट भी ज्यादा होगी। समी मोडक
निवेश के तरीके में बदलाव कर रहे म्युचुअल फंड
परिसंपत्ति प्रबंधक निवेश के तरीकों को विशाखित करने पर विचार कर रहे हैं बजाय इसके कि अपने फंड हाउस के लिए कोई एक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करें। हाल में आय की घोषणा के समय एक बड़े म्युचुअल फंड के परिसंपत्ति प्रबंधक ने कहा कि वह अपने निवेश के तरीके को विशाखित करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि सभी इक्विटी योजनाओं में एक तरह की रणनीति से प्रदर्शन कमजोर हो सकता है जब अन्य तरीके बाजार के चक्र के विभिन्न चरणों में बेहतर प्रतिफल दे रहे हों। म्युचुअल फंड के सलाहकार ने कहा, कुछ फंड हाउस ग्रोथ या वैल्यू ओरियंटेड तरीके से चिपके रहना चाहते हैं और एक निश्चित वक्त में इस वजह से कई योजनाओं का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। मध्यम आकार के एक फंड हाउस ने निवेश के बढ़त वाले तरीकेपर ध्यान केंद्रित किया है और उसने हाल में बाजार नियामक सेबी के पास वैल्यू फंड के लिए आवेदन किया है। जश कृपलानी
एफपीआई ने पूंजी बाजार से निकाले 86 करोड़ रुपये
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 86 करोड़ रुपये की निकासी की। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों तथा अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढऩे की वजह से जुलाई में एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 24 जुलाई तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों में 2,336 करोड़ रुपये का निवेश किया, लेकिन उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार से 2,422 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 86 करोड़ रुपये रही। इससे पिछले महीने एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप स 24,053 करोड़ रुपये डाले थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय बाजारों में निवेश को लेकर एफपीआई ने सतर्कता का रुख अपनाया हुआ है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ रहा है तथा भारतीय अर्थव्यवस्था अभी झटके खा रही है। भाषा
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