प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज गूगल डिजिटल ऋण देने के क्षेत्र में पैठ बना रही है जो अगले पांच सालों में एक लाख करोड़ डॉलर का अवसर प्रदान करने वाला है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इसकी डिजिटल भुगतान ऐप गूगल पे फिनटेक कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी बना रही है और इसने उपभोक्ताओं को कर्ज देने के लिए जेस्टमनी के साथ गठजोड़ किया है। यह बात देश में वित्तीय सेवा बाजार में दस्तक देने की बड़ी रुचि की ओर इशारा कर रही है। बेंगलूरु स्थित जेस्टमनी अब ग्राहकों को कर्ज देने के लिए गूगल पे के डिजिटल स्टोरफ्रंट स्पॉट प्लेटफॉर्म पर एकीकृत हो चुकी है। इससे ग्राहकों को सीधे गूगल पे से जेस्टमनी की ऋण सीमा का लाभ उठाने की सुविधा मिलेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि गूगल ने परोक्ष रूप से डिजिटल कर्ज देने के क्षेत्र प्रवेश किया है। जेस्टमनी गूगल पे पर लाइव है और कई हजार आवेदन पहले ही प्राप्त किए जा चुके हैं। यह एकीकरण पूरा होने से जेस्टमनी गूगल पे केसाथ आने वाली पहली डिजिटल ऋणदाता बन गई है। ग्राहक स्वयं को पंजीकृत कर सकते हैं, केवाईसी (अपने ग्राहक के बारे में जानकारी) के मानदंडों को पूरा कर सकते हैं और जेस्टमनी की वेबसाइट या ऐप पर जाए बिना ऋण सीमा के लिए अपनी पात्रता की जांच कर सकते हैं।मंजूरी मिलने के बाद एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम सहित इसके 3,000 विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यापारियों के जरिये जेस्टमनी ईएमआई (समान मासिक किस्त) का लाभ उठाया जा सकता है। ऐसे अन्य व्यापारियों में मिंत्रा, मेकमाईट्रिप और टाइटन स्टोर शामिल हैं। उपयोगकर्ता अपने पूरे खाते को सीधे गूगल पे ऐप से नियंत्रित कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल यह सुविधा एंड्रॉयड पर उपलब्ध है, लेकिन आने वाले महीनों में आईओएस वर्जन की शुरुआत की जाएगी। गूगल ने सितंबर 2019 में स्पॉट फीचर शुरू किया था जो कारोबारों को गूगल पे ऐप पर वर्चुअल स्टोर स्थापित करने की सुविधा देता है। एक सवाल के जवाब में गूगल पे और नेक्स्ट बिलियन यूजर्स पहल के कारोबारी प्रमुख (भारत) एस. शिवनंदन ने कहा कि स्पॉट प्लेटफॉर्म खुदरा से लेकर वित्तीय सेवाओं तक विभिन्न श्रेणियों के व्यापारियों को गूगल पे पर उपभोक्ताओं के लिए अनुभव पैदा करने में मदद करता है। शिवनंदन ने कहा कि हम 5पैसा, जेस्टमनी और ग्रो जैसे वित्तीय सेवा प्रदाताओं के साथ फिनटेक प्रणाली के भीतर व्यापक रूप से भागीदारी कर रहे हैं, जबकि आने वाले महीनों में स्पॉट प्लेटफार्म में विस्तार करते हुए अन्य श्रेणियों में भी काम जारी रहेगा। टेकलेगिस एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर के प्रबंध साझेदार सलमान वारिस ने विनियामक दृष्टिकोण से कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़े स्तर से पहले बैंकों और फिनटेक भागीदारों सहित वित्तीय सेवा उद्योग को छोटे पैमाने पर इनकी व्यावहारिकता जांचने के लिए ऐसे नए वित्तीय उत्पादों की शुरुआत करने की अनुमति प्रदान की है। खबर लिखे जाने तक जेस्टमनी को ईमेल से भेजे गए सवालों के संबंध में कोई जवाब नहीं मिल पाया।
